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श्रीगुणचंद महावीरच ० ७ प्रस्तावः
॥ २५० ॥
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गोयरमभिग्गहजुयं खवणं छम्मासियं च कासी य । पंचदिवसेहिं ऊणं कोसंबीए वरपुरीए ॥ ४ ॥ दस दो य किर महप्पा ठाइ मुणी एगराइयं पडिमं । अट्टमभत्तेण जई एक्केकं चरिमराईयं ॥ ५ ॥ दो चैव य छसए अउणातीसे उवासिया भयवं । न कयाइ निचभत्तं चउत्थभत्तं च से आसि ॥ ६ ॥ बारस वरिसे अहिए छटुं भत्तं जहन्नयं आसि । सवं च तवोकम्मं अपाणियं आसि वीरस्स ॥ ७ ॥ तन्निस दिवसा अउणापण्णे उपारणाकालो । उक्कुडुयनिसज्जाणं ठियपडिमाणं सए बहुए ॥ ८ ॥
एत्तियमेत्तं पचजादिणाउ आरम्भ सवग्गेण छउमत्थकालियाए भगवया तवचरणमायरियति ॥ संपयं पारद्धं भणिजइ - अह मज्झिमपावास न्निवेसाओ दुस्सहपरीसह निसा संतमसं हणिऊण जिणदिवायरो समुम्मिलंतसमहिगाभिरामदेहप्पहा पडलपया सियदिसामुहो नीहरिऊण अणिययविहारेण विहरंतो संपत्तो समुत्तुंगपायारपरिचुंबियंवरं नाणाविहवणसंड मंडियदियंतरं जंभियगामं नाम नयरं, तस्स य वहिया विभागे वीयावत्तचेइयस्स अदूरे अणेयतरुवरसुरहि कुसुमा मोय मत्तमहुयरझंकारमणहर परिसराए उजुवालियानईए तीरंभि उत्तरिले कूले सामागामिहाण - गाहावइस्स छेत्तंमि समुम्मिलियपढमपल्लवपसाहियस्स सुपुरिसस्स व सउणगणसेवियस्स सुरपुरस्स व सुमनसाभिरामस्स महानरिंदस्स पत्तनियर परियारियस्स व सालमहापायवस्स हिदुओ ट्ठियस्स भुवणबंधवस्स छणं भत्तेणं अपाणएणं आयावेमाणस्स गोदोहियासणं निसन्नस्स अणुत्तरेहिं नाणदंसणचरितेहिं अणुत्तरेहिं आलयविहारमद्दवज्ज
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वीरतपः केवलं च.
।। २५० ॥
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