SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 24
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ श्रीमहा० चरित्रे १प्रस्ताव ॥२॥ भोगोवभोगलालसजणजणियपरितोसं सुरभूमिसोहग्गमडप्फरफंसयं महावप्पं नाम विजयखेत्तं, तत्थ य विसालसा महावनलवलयखाइयापरिक्खित्ता नाणाविहविहारवापीकूवमहासरसरियपरिसराभिरामा सुविभत्तत्तियचउक्कचच्चरचउप्पह- जयन्ती पसोहिया पासायसयमालालंकिया सुइनेवत्थमहिच्छच्छेयजणसंकुला पागसासणपुरिव दीसंतनाणाविहरयणा कम शत्रुमर्दनव. लासणमुत्तिव सवओमुही विंझगिरिमेहलध पुन्नागनागसोहिया जहत्थाभिहाणा जयंती नाम नयरी कुलसेलुत्तुंगथणत्यलीऍ नहनइजलोहहाराए । धरणीरमणीऍ मुहे जा सोहइ चित्तलेहच ॥ ३२॥ सत्तमुणिमेत्तगचियमणेगमुणिसंकुला सुरपुरिपि । एगबुहं भूरिविबुहा हसइ व जा तूररसिएहिं ॥३३॥ जीए य कमलसंडाण मित्तविरहसंकोयपीडणाणि मुणिवराण करवालुप्पाडणं बालकुंजरसुं कलहसदो रहंगमिहुणाण पियविरहवेयणा तंतुवायसालासु वसणुब्भवो, न कयाइ लोएसु, तहिं च-सायरपणमंतमहंतसामंतमउलिमा-|| लामणिमसिणियपायवीढो पयंडभुयदंडमंडलियकोडंडनियत्ततिक्खखुरुप्पखंडियसयसत्तुमुंडमंडियसमरंगणो, दप्पुभडसहडपरिखुडदंडनाहसहस्साणुसरिजमाणमग्गो मग्गणगणवंछाइरितपूरियमणोरहो, रहोब सुसिलिटलठ्ठसुचककयसंचरणो रणरसियपुरिसोच कयवहुकवयपरिग्गहो गहगणोच कविमुहगुरुवयणाणुगओ गओब अणवरयदाणवरिसो ॥२॥ शरिसिच्च निग्गहियछवग्गपयारो पायारोप पुचपुहइपालपवत्तियनयनयरीए हिमगिरिव डिंडीरपिंडपंडुरकित्तिसुरस-11 रियाए जलहिब अणेगगुणगणरयणरासीए Jain Educati o nal For Private & Personel Use Only R ainelibrary.org
SR No.600114
Book TitleMahavir Charitram
Original Sutra AuthorN/A
AuthorGunchandra
PublisherDevchand Lalbhai Pustakoddhar Fund
Publication Year1929
Total Pages704
LanguageSanskrit
ClassificationManuscript
File Size15 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy