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________________ १चैत्यवन्दनम् सूत्रे प्रवचन थकेवैलिसिद्धत्तेहिं जिणे अवत्थतिगं। वेण्णत्थाऽऽलंबणओ वण्णाइतियं वियाणिज्जा ॥७॥ जिणमुद्दा जोगमुद्दा मुत्तासुत्ती उ तिन्नि मुद्दाओ । कायमणोवयणनिरोहणं च तिविहं च पणिहाणं ॥७१॥ पंचंगो पणिवाओ थयपाढो होइ जोगमुद्दाए। वंदण जिणमुद्दाए पणिहाणं मुत्तसुत्तीए ॥७२॥ दो जाणू दुन्नि करा पंचमग होइ उत्तमंगं तु । संमं संपणिवाओ नेओ पंच॥४६४॥ गपणिवाओ॥७३॥ अन्नोऽनंतरअंगुलि कोसागारेहिं दोहिं हत्थेहिं । पेट्टोवरिकुप्परसंठिएहिं तह जोगमुद्दत्ति ॥७४॥ चत्तारि अंगुलाई पुरओ ऊणाई जत्थ पच्छिमओ। पायाणं उस्सग्गे एसा पुण होइ जिणमुद्दा ॥७५॥ मुत्तासुत्तीमुद्दा समा जहिं दोवि गम्भिया हत्था । ते पुण निलाडदेसे लग्गा अण्णे अलग्गत्ति॥७६॥ दाहिणवामंगठिओ नरनारिगणोऽभिवंदए देवे । उकिट्ठ सद्विहत्थुग्गहे जहन्नेण करनवगे ॥ ७७ ॥ अट्ठट्टनवट्ठ य अट्टवीस सोलस य वीस वीसामा। मंगलइरियावहिया सक्कत्थयपमुहदंडेसु ॥ ७७ ॥ पंचपरमेट्ठिमंते पए पए सत्त संपया कमसो। पजन्तसत्तरक्खरपरिमाणा अट्ठमी भणिआ॥७९॥ इच्छ १ गम २ पाण३ ओसा ४ जे मे ५ एगिदि ६ अभिहया ७ तस्स ८ । इरियाविस्सामेसुं पढमपया हुंति दट्टवा ॥८॥ अरिहं १ आइग २ पुरिसो ३ लोगोऽ ४ भय ५ धम्म ६ अप्प ७ जिण ८ सवा ९ । सक्कथयसंपयाणं पढमुलिंगणपया नेया ॥८१॥ अरिहं १ वंदण २ सद्धा ३ अण्णत्थू ४ सुहुम ५ एव ६ जा ७ ताव ८ । अरिहंतचेइयथए विस्सामाणं दापया पढमा ॥ ८२॥ अट्ठावीसा सोलस वीसा य जहक्कमेण निहिट्ठा । नामजिणट्ठवणाइसु वीसामा पायमाणेणं ॥ ८३ ॥ दुण्णेगं दुण्णि ढुंगं पंचेवे कमेण हुँति अहिगारा । सक्कत्थयाइसु इहं थोयबविसेसविसया उ ॥ ८४॥ पढमं नमोऽत्थु १ जे अइयसिद्ध २ अरहंतचेइयाणंति ३ । लोगस्स ४ सबलोए ५ पुक्खर ६ तमतिमिर ७ सिद्धाणं ८॥८५॥ SHRSCIRCRACTERGAMANNAROO ॥४६४॥ Jain Education International For Private & Personel Use Only www.jainelibrary.org
SR No.600108
Book TitlePravachan Saroddhar Uttararddh
Original Sutra AuthorN/A
AuthorNemichandrasuri
PublisherDevchand Lalbhai Pustakoddhar Fund
Publication Year1926
Total Pages628
LanguageSanskrit
ClassificationManuscript
File Size13 MB
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