________________
गविविहचित्तेहिं बालभावलोभावएहिं पासधरिएहि भणइ-एहि वइरसामी! एहि, ताहे पलोईतो अच्छइ, जाणइ-जइ संघं अवमन्नामि दीहसंसारिओ भविस्सामि, अविय-एसावि पव्वइस्सइ, एवं तिन्नि वारा सहावितो न एइ, ताहे से पिया भणति-जइ सुकयव्ववसाओ धम्मज्झयभूसियं इमं वइर!। गेह लहुं स्यहरणं कम्मरयपमज्जणं धीर! ॥१॥ ताहेऽणेण तुरियं आगंतूण गहियं, लोगेण जयइ धम्मोत्ति उक्कुट्ठी सीहनाओ कओ, ताहे से माया चिंतेइ-मम ।
भाया भत्ता पुत्तो य पव्वइओ, अहं किं अच्छामि ?. एवं साऽवि पव्वइया. सो वइरसामी पवाविऊण लाधणगिरिणा संजईणं चेव सयासे मुक्को, तेण तासिं पासे एकारस अंगाणि सुयाणि पदंतीणं, ताणि से उवगयाणि,
पयाणुसारी सो भगवं, ताहे अद्ववारिसओ संजइपडिस्सयाओ निकालिओ आयरिअसयासे अच्छइ, आयरिया उज्जेणिं गया, तत्थ वासं पडइ अहोधारं, से य पुब्बसंगइया जंभगा तेणंतेण बोलेंता तं पेच्छंति, ताहे ते परिक्खानिमित्तं उइण्णा वाणियरूवेणं, तत्थ बइल्ले उल्लदित्वा उवक्खडेति, सिद्धे निमंतिति, ताहे पढिओ जाव| फुसियमस्थि ताहे पडिनियत्तो, ताहे तंपि ठियं, पुणो सदाति, ताहे वइरो गंतूण उवउत्तो दबओ पुरसफलादि| खेत्तओ उज्जेणी कालओ पाउसो भावओ धरणिछिवणणयणनिमेसादिरहिया पहठ्ठतुट्ठा य, ताहे देवत्ति काऊण
Jan Education
ForPrivate sPersonal use Only