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________________ तं. वै. प्र. ॥३२॥ वुच्चइ ॥३॥ (५८) सत्त पाणूणि से थोवे, सत्त थोवाणि से लवे । लवाणं सत्तहत्तरीए, एस मुहत्ते उच्छासावियाहिए ॥ ४॥ (५९) एगमेगस्स णं भंते! मुहुत्तस्स केवइया ऊसासा वियाहिया ?, गोयमा !-तिन्नि | दिगणना सहस्सा सत्त य सयाण तेवत्तरिं च ऊसासा । एस मुहुत्तो भणिओ सवेहिं अणंतनाणीहिं ॥५॥ (६०)। गा.८२ दो नालिया मुहुत्तो सहि पुण नालिया अहोरत्तो । पन्नरस अहोरत्ता पक्खो पक्खा दुवे मासो ॥६॥ (६१) दाडिमपुप्फागारा लोहमई नालिया उ कायवा। तीसे तलंमि छिदं छिद्दपमाणं पुणो वुच्छं ॥७॥ (६२) छन्नउइपुच्छवाला तिवासजायाऍ गोतिहाणीए । असंवलिया उज्जा य नायवं नालियाछिदं ॥८॥ (६३) अहवा उ पुच्छवाला दुवासजाया गयकरेणूए । दो वाला अग्भग्गा नायचं नालियाछिदं ॥९॥ (६४) अहवा सुवन्नमासा चत्तारि सुवटिया घणा सूई । चउरंगुलप्पमाणा नायचं नालियाच्छिदं ॥१०॥ (६५) उदगस्स नालियाए हवंति दो आढयाओ परिमाणं । उदग च भाणियवं जारिसयं तं पुणो वुच्छ ॥११॥ (६६) उदगं खलु नायचं काय, दूसपपरिपूयं । मेहोदगं पसन्नं सारइयं वा गिरिनईए ॥१२॥ (१७) बारसमासा संवच्छरो य पक्खाउ ते उ चउवीसं । तिन्नेव य सढिसया हवंति राइंदियाणं च ॥ १३ ॥ (६८) एगं च सयसहस्सं तेरस चेव य भवे सहस्साई । एगं च सयं नउयं हुंति अहोरत्त ऊसासा ॥१४॥ (६९) तित्तीस सयसहस्सा पंचाणउई भवे सहस्साइं । सत्त य सया अणूणा हवंति मासेण ऊसासा ॥ १५॥ (७०) का॥३२॥ चत्तारि य कोडीओ सत्तेव य हुँति सयसहस्साइं । अडयालीससहस्सा चत्तारि सया य वरिसेण ॥१६॥ in Education Kotional For Private & Personel Use Only jainelibrary.org
SR No.600094
Book TitleTandul Vaicharikam
Original Sutra AuthorN/A
AuthorVimal Gani
PublisherDevchand Lalbhai Pustakoddhar Fund
Publication Year1922
Total Pages160
LanguageSanskrit
ClassificationManuscript & agam_tandulvaicharik
File Size8 MB
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