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लीसहजार वर्ष त्रण वर्ष साडाआठमास ओछां दशकोडीसागरोपमे श्रीवीरनिर्वाण, त्यारपछी नवसो अंशी वर्षे पुस्तकवाचनादि । श्रीसुपार्श्वनाथना निर्माणथी नवसें कोडी सागरोपमे श्रीचंद्रप्रभनिर्वाण, त्यारपछी बेंतालीस हजार वर्ष त्रण वर्ष साडाआठमास ओछां एवा एकसो क्रोड सागरोपमे श्रीवीरनिर्वाण, त्यारपछी नवसो अंशी वर्षे पुस्तकवाचनादि । श्री पद्मप्रभना निर्वाणथी नवहजारकोडी सागरोपमे श्रीसुपार्श्वनिर्वाण, त्यारपछी त्रणवर्ष साडाआठमास तथा बेंतालीसहजार वर्ष ओछां एवा एकहजारक्रोडसागरोपमे श्रीवीरनिर्वाण, त्यारपछी नवसो अंशी वर्षे पुस्तकवाचनादि ६॥ श्रीसुमतिनाथना निर्वाणथी नेवुहजारकोड सागरोपमे श्री पद्मप्रभनिर्वाण, त्यारपछी त्रण वर्ष साडाआठमास तथा बेंतालीसहजार वर्ष ओछां दशहजारक्रोडसागरोपमे श्रीवीरनिर्वाण, त्यारपछी नवसो अंशी वर्षे पुस्तकवाचनादि ५। श्रीअभिनंदनना निर्वाणथी नवलाखकोडसागरोपमे श्रीसुमतिनिर्वाण, त्यारपछी त्रण वर्ष साडाआठमास तथा बेंतालीसहजार वर्ष ओछां एकलाखक्रोडसागरोपमे श्रीवीरनिर्वाण, त्यारपछी नवसोॲशी वर्षे पुस्तकवाचनादि । श्रीसंभवनाथना निर्वाणथी दशलाखकोडी सागरोपमे श्रीअभिनंदननिर्वाण, त्यारपछी त्रण वर्ष साडाआठमास तथा बेंतालीसहजार वर्ष ओछां एवा दशलाखकोडी सागरोपमे श्रीवीरनिर्वाण, त्यारपछी नवसो अंशी वर्षे पुस्तकवाचनादि ३। श्रीअजितनाथना निर्वाणथी त्रीसलाखकोडी सागरोपमे श्रीसंभवनाथनिर्वाण, त्यारपछी त्रण वर्ष साडाआठमास तथा बेंतालीसहजारवर्ष ओछां एवा वीसलाखकोडी सागरोपमे श्रीवीरनिर्वाण, त्यारपछी नवसो अंशी वर्षे पुस्तकवाचनादि । श्रीऋषभना निर्वाणथी पचासलाखकोडी सागरोपमे श्रीअजितनिर्वाण, त्यारपछी त्रण वर्ष साडाभटमास तथा बैंतालीसहजारवर्ष ओछां एवा पचासलाखक्रोड सागरोपमे श्रीमहावीरनिर्वाण,
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