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________________ परिशिष्ट आवश्यकनियुक्तेरव चूर्णिः । ॥४॥ 'आवश्यक सूत्र (षड् आवश्यक ) वृत्ति' अपरनाम ' अर्थदीपिका' कर्ताः श्री रत्नशेखरसूरि छपायेल छे. 'आवश्यक (षड् आवश्यक विधि)' कर्ताः अंचलगच्छीय महिमासागरजी-श्लोक २३७५ पुना भंडारमा छ. IN अप्रसिद्ध छे. 'आवश्यक सूत्र लघुत्ति' कर्ताः आ. श्री फलप्रभसूरि श्लोक ३००० पूनाना ओरि. ई. मां छे. अप्रसिद्ध छे. आवश्यक सूत्रमा दर्शावेल छ आवश्यकनी पृथक पृथक विभागमा पूर्वाचार्यों कृत जुदी जुदी रीते रचना थई छे ते क्रमशः अने क्या क्यां प्राप्य छे ते आपवामां आवे छे १'सामायिक मूत्र' मूलभूत्र 'करेमिभंते । 'सामायिक सूत्र नियुक्ति, वृत्ति अने उद्धार ' ताडपत्र पर प्रत पाटण सूचिपत्र २९५ अने ३०३ छे. २' चउब्धिसत्थो सूत्र' चतुर्विंशति सूत्र मूल सूत्र ‘लोगस्स' परनी नियुक्ति अने उद्धारनी प्रत पाटण ज्ञानभंडारमा छे. चैत्यवंदन ' ललितविस्तरा वृत्ति' कर्ताः श्री हरिभद्रसूरिजी श्लोक १२७० पहेलां छपाई छे ते पछी सटीप्पण 'ललितविस्तरा' आ. श्री. सागरानंदमूरिजीए छपावेल छे. टीप्पण तेमनुं पोतार्नु छे. आनो अनुवाद तेमज ' ललितविस्तरा' परर्नु श्री मुनिचंद्रमूरिकृत 'टिप्पनक'ए बंने छपायां छे. अनुवादकः-पं. श्री भानुविजयजी गणि. प्रायः 'ललितविस्तरा'नुं गुजराती विवरण डॉ. भगवानदासे श्री जैन एसोसिएशन ऑफ इन्डिया द्वारा प्रकाशित कयु छे. 'चैत्यवंदन पंजिका अने वृत्ति' कर्ताः श्री हरिभद्रसरिजी पाटण भंडारमा छे, छपाई गई छे. ॥ ४ ॥ Jan Education et For Private Personel Use Only G w.jainelibrary.org
SR No.600065
Book TitleAvashyaksutra Niryuktirev Curni Part_2
Original Sutra AuthorHaribhadrasuri, Gyansagarsuri, Bhadrabahuswami
Author
PublisherDevchand Lalbhai Pustakoddhar Fund
Publication Year1965
Total Pages338
LanguageSanskrit, Hindi
ClassificationManuscript & agam_aavashyak
File Size15 MB
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