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पोतानो पुत्र जे ब्रह्मदत, तेने मारवाने अर्थे लाखना मोहोलमां घाली अनि स* लगाव्यो. वली एक हार हायीनी लगाइने माटे, फक्त एक पद्मावतीना वचन
थीज एक कोमने एशोलाख जीवोनो घात थयो. वली राज्यना लोने करीने न
रत अने बाहुबली ए बे नाई बच्चे, महोटुं युक्ष . ने तेमां हजारो जीवोनो सं * हार थ गयो. वली विषय राग पूरो न श्रवाथी पोतानो पति जे परदेशी राजा,
तेने सुरीकता राणीये फेर दश्ने मार्यो, एटलुंज नही पण, डेवटे गले नख पण PAN दीघो! वली पुत्रीना स्नेहे करीने जरासंधे श्री कृष्ण वासुदेव संगा महोटुं यु
करी, पोताना कुलसहित हजारो जीवोनो नाश कर्यो. वली राज्यना लोने करीने कनककेतु राजाये पोताना पुत्रोनां सर्व अंग छेदन कया. वली नीति शा
स्वना का चाणाक्ये राज्यना लोने करीने पोतानो मित्र जे पर्वत नामे राजा, *तेने मारी नांख्यो. वली पोताना स्वार्थ माटे सुनम चक्रवर्तिये ब्राह्मणोनो अनेर
कत्रियोनो कय कर्यो. एवी रीतनां अनेक दृष्टांतो , तेजोलखवा बेसीए तो ते Mनो एक महोटो ग्रंथ थतां पण पार न आवे. माटे विचारवान आटलु ने के,
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