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________________ S छंदणेहिं कमेण आलोयणं खामणं पच्चक्खाणं करेंति, न पुण संझाए पढमं छंदणदुगेण पञ्चक्खाणं ततो दो दो छंदणेहिं आलोयण खामणया ॥५०॥ सावय-पडिक्कमणसुत्तंते तस्स धम्मस्स केवलिपन्नत्तस्सत्ति न भणंति ॥५१॥ पडिक्कमणे साहूणो सावया य काउस्सग्गे आइआरं मुक्कलं चिंतंति न पुण गाहारूवं ॥५२॥ वक्खाणवायणेवि रागझुणी न काययो ॥ ५३॥ सामाइअदंडगं मुहपोत्तिआ पडिलेहणपुत्वं भणिअ तओ इरिआवहिआ पडिक्कमिजइ न पुण इरिअं पडिक्क६ मित्ता तओ सामाइअग्गहणं ॥५४॥ पक्खियपडिक्कमणे पुढोकय आलोयणं मुत्तुं परोप्परं एगमंडलीए न छंदणा दोसो अओ मुहपोत्ति पडिलेहिजइ ॥५५॥ अट्ठमीचउद्दसीसु उववासकरणं सइ सामत्थे बीआपंचमीएग्गारसीसु निविगयं अन्नया एगभत्तमविजण जाय खुड्डिय गिलाणाइ मोक्तुं ॥५६॥ पइदिणं संपुण्णचियवंदणा देवालए ॥५७ ॥ रत्तिए गुरुणो सोअत्थं टुप्परिआए जलोल्लिय चीवरखंडठावणं अइसाराइसु लूहणयाइ धोवणं भंडए धारेअवं ॥५८॥ चउमासिया धोवणी ॥ ५९॥ वासा चउमासए सूरिणं दुकंबला निसिज्झा उवज्झायस्स एगं कंबला वायणायरिअस्स य॥६०॥ जेट्ठउवज्झाया मह-उवज्झाया इति भणंति न पुण अन्ने ॥६१॥ आयरिय नाम लेहाइसु अमुग आयरिय इय लिहिअब न पुण सूरित्ति ॥ ६२ ॥ संघाडयबाहिरे मए तस्स अंतिय वत्थ पत्त पुत्थआइ पडआसण कंबलसहिअं मूलगुरुणो दिजइ ॥ ६३ ॥ साहूसु कणिट्ठो भोयणमंडलिं समुद्धरइ ॥६४॥ ओमरायणीआ जलं विहरंति सो सा भत्ताइअं ॥६५॥ वीसओसिरिमाल-ओसवाल-पोरवाड-कुलसंभूओ चेव आयरिओ ठाविज्जइ उवज्झाओवि तहेव न पुण दसाजातिओ महुत्तीयाणो ठाविज्जइ, वायणागुरू जो वा सो वा ठाविजइ महत्तरी सिरिमाला चेव ठाविजइ ॥६६॥ 281 Jain Education Inter OE Private & Personal use only IR jainelibrary.org
SR No.600047
Book TitleSamacharishatakama
Original Sutra AuthorSamaysundar
Author
PublisherJindattsuri Gyanbhandar
Publication Year1939
Total Pages398
LanguageSanskrit
ClassificationManuscript
File Size21 MB
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