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________________ CAMERASACRICKERAY सुट्टयरं अद्धिई जाया, ताहे सामी गोयम भणइ-किं देवाणं वयणं गेज्झं उयाहु जिणवराणं, गोयमो भणइ-जिणवराणं, कीस अद्धिई करेसि!, ताहे सामी चत्तारि कडे पनवेइ, तंजहा-सुंबकडे विदलकडे चम्मकडे कंबलकडे, एवं 6 सीसावि सुंबकडसमाणा जाव कंबलकडसमाणा, तुमं च मम गोयमा कंबलकडसमाणो, किंच-चिरसंसिद्धो सि मे गोयमा !, पण्णत्तीआलावगा भाणियबा, जाव अविसेसामणाणत्ता भविस्सामो, ताहे गोयमनिस्साए दुमपत्तं णाम अज्झ-10 ट्रायणं पन्नवेइ । देवोऽवि वेसमणो ततो चइत्ता अवन्तिजणवए तुंबवणसन्निवेसे धणगिरी नाम इन्भपुत्तो, सो य सद्धो पव- इउकामो, तस्स मायापियरो वारंति, पच्छा सो जत्थ जत्थ वरिजइ तत्थ तत्थ ताणि विप्परिणामेइ जहाऽहं पवइउकाकामो, इओ य धणवालस्स इन्भस्स दुहिया सुनंदा नाम, सा भणइ-ममं देह, सा तस्स दिन्ना, तीसे य भाया अजस-12 मिओ पुर्व पवइओ सीहगिरिसगासे, तीसे य सुनंदाए कुच्छिसि सो देवो उववन्नो, ताहे भणइ धणगिरी-एस ते गम्भो विइजओ होहिइत्ति सीहगिरिसगासे पधइओ, इमोऽवि नवण्हं मासाणं दारगो जातो, तत्थ महिलाहिं आगयाहि भण्णइ जइ से पिया न पचइतो होतो ता लढें होतं, सो सन्नी जाणइ-जहा मम पिया पवइतो, तस्सेवं अणुचिंतेमाणस्स जाइ. हसरणं समुप्पण्णं, ताहे रतिं दिवा य रोवइ, जेण सा निविजइ, ततो सुहं पवइस्संति, एवं छम्मासा वच्चंति । अण्णाया| आयरिया समोसढा, ताहे अजसमिओ धणगिरी य आयरियमापुच्छंति, जहा सन्नायगाणि पेच्छामोत्ति संदिसावेंति, सउणेण य वाहियं, आयरिएहिं भणियं-महंतो लाभो, जं अज सचित्तं वा अचित्तं वा लभह तं सर्व लएह, ते गया, उपसम्गिउमारद्धा, अण्णाहिं महिलाहिं भण्णइ-एयं से दारगं णीणेहि,तो कहिं नेहिम्ति !, पच्छा ताए भणियं-मए एव- Jain Education integration For Private & Personal use only S aw.jainelibrary.org
SR No.600044
Book TitleAvashyakasutram Part_2
Original Sutra AuthorBhadrabahuswami, Malaygiri
Author
PublisherJinshasan Aradhana Trust
Publication Year
Total Pages308
LanguageSanskrit
ClassificationManuscript & agam_aavashyak
File Size18 MB
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