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________________ क ल * C%E% A गइया रिमियं नट्टविधि उवदसति, अप्पेगल्या अंचियरिभियं नविहिं उवदंसंति, अप्पेगइया आरभर्ड नविहिं उवदंसंति, अप्पेगइया भसोलं नविधि उवदंसेंति, अप्पेगइया आरभडभसोलं नट्टविहिं उवदंसेंति, अप्पेगइया उप्पयनिवयं० निवउप्पयं० संकुचितपसारियं० भताभंतं नाम नट्टविहिं उवदंसेंति, अप्पेगइया चउविहं वनं वायंति, तंजहा-ततं विततं घणं झुसिरं, अप्पेगइया चउविहं गेयं गायंति, तंजहा-उक्खित्तयं पावत्तयं मयं रोइयं, अपेगइया चउविहं अभिनयं अभिप्रति -दिहतियं पाडिस्सुयं लोगमज्झवसियं सामंतोवणिवाइयं, अप्पेगइया पीणंति अप्पेगइया तंडवेंति अप्पेगइया लासेंति अप्पेगइया उच्छलंति अप्पेगइया पुच्छलंति अप्पेगइया तिवई छिंदंति अप्पेगइया हयहेंसियं करेंति अप्पेगइया हत्थिगुलुगुलाइयं करेंति अप्पेगइया रघणघणाइयं करेंति अप्पेगइया हयहेसियं रहघणघणाइयं करेंति अप्पेगइया हथिगुलुगुलाइयं रहघणघणाइयं करेंति, अप्पेगइया हयहेसियं हत्थगुलुगुलाइयं रहघणघणाइयं करेंति, अप्पेगइया अप्फोडेंति अप्पेगइया वग्गंति, अप्पेगइया सीहनादं नदंति, अप्पेगइया अप्फोडंति वग्गंति सीहनादं नदंति, अप्पेगइया पायदद्दरं करेंति, अप्पेगइया भूमिचवेडं दलयंति, अप्पेगइया महया महया सद्देण रावंति, अप्पेगइया पायददहरगं भूमिचवेडगं महया महया सद्देण रावंति, अप्पेगड्या हक्कारेंति अप्पेगइया बोकारेंति अप्पेगइया कारेंति, अप्पे गइया देवा हक्कारेंति बोक्कारेंति थेक्कारेंति, अप्पेगइया ओवयंति अप्पेगइया उप्पयंति अप्पेगइया परिवत्तंति अप्पेगइया ओवयंति उप्पयंति परिवत्तंति, अप्पेगइया गजति अपेगइया विजयायंति अप्पेगइया वासं वासेंति, अप्पेगइया गजति | विजुयायंति वासं वासंति, अप्पेगइया देवुकलियं करेंति अप्पेगइया देवकहकहयं करेंति अप्पेगइया देवदुहृदुयं करेंति, CAR For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org Jain Education International
SR No.600043
Book TitleAvashyakasutram Part_1
Original Sutra AuthorBhadrabahuswami, Malaygiri
Author
PublisherJinshasan Aradhana Trust
Publication Year
Total Pages618
LanguageSanskrit
ClassificationManuscript & agam_aavashyak
File Size14 MB
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