SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 148
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ ज आवश्यक- नियुक्तिदीपिका प्रतिक्रमणाध्ययने पारिष्ठाप | निका ॥६७॥ नियुक्तिः॥ मूलाओ पडिलेहिअंति, जे तत्थ पाणा ते मल्लए सत्तुएहिं समं ठविजंति, आगराइसु विगिंचइ, नस्थि बीयरहिएसु विगिंचइ, | एवं जत्थ पाणयंपि बीयपाए पडिलेहिता उग्गाहिए छुब्भइ, संसत्तं जायं रसएहिं ताहे सपडिग्गहं वोसिरउ, नत्थि पायं ताहे अंबिलिं पाडिहारियं मग्गउ, णो लहेज्ज सुक्कयं अंबिलिं उल्लेऊणं असइ अण्णमिवि अंबिलिबीयाणि छोहण विगिंचइ, | नस्थि बीयरहिएसु विगिंचइ, पच्छा पडिस्सए पाडिहारिए वा अपाडिहारियं वा तिकालं पडिलेहेइ दिणे दिणे, जया परिणयं तहा विगिचइ, भायणं च पडिअप्पिज्जड, नस्थि भायणं ताहे अडवीए अणागमणपहे छाहीए जो चिक्खल्लो तत्थ खहुं खणि- ऊण निच्छिई लिंपित्ता पत्तणालेणं जयणाए छुभइ, एकसि पाणएणं भमाडेइ, तंपि तत्थेव छुब्भइ, एवं तिन्निवारे, पच्छा कप्पेइ सण्हकडेहि य मालं करेंति चिक्खिल्लेणं लिंपइ कंटयछायाए य उच्छाएइ, तेण य भाणएणं सीयलपाणयं ण लयइ, अबसावणेण कूरेण य भाविज्जइ एवं दो तिणि वा दिवसे, संसत्तगं च पाणयं असंसत्तगं च एगो न धरे, गंधेण विसंसिज्जइ, संसत्तं च गहाय न हिंडिज्जइ, विराहणा होज्ज, संसत्तं गहाय न समुद्दिसिजइ, जइ परिस्संता जे ण हिंडंति ते लिंति, जे य पाणा दिट्ठा ते मया होजा, एगेण पडिलेहियं बीएण ततिएणं, सुद्धं परिभुजति, एवं चेव महियस्सवि गालियदहियस्स नवणीयस्स का विही ? महीए एगा उट्ठी छुब्भइ, तत्थ तत्थ दीसंति, असइ महीयस्स का विही ? गोरसधोवणे पच्छा उण्होदयं सियलाविज्जइ, पच्छा महुरे चाउलोदये, तेसु सुद्धं परिभुज्जइ, असुद्धे तहेव विवेगो दहियस्स, पच्छओ उयन्ता णियत्ते पडिलेहिज्जइ, तीराए सुत्तेसुवि एस विही, परोवि आभोयणाभोयाए ताणि दिज्जा । तेइंदियाण गहणं सत्तुयपाणाण पुबभणिओ विही, तिलकीडयावि तहेव दहिए वा रल्ला तहेव छगणकिमिओवि तहेव संधारगो वा गहिओ घुणाइणा णाए तहेव ॥६७॥ Jain Education Inter For Private & Personal use only iainelibrary.org
SR No.600032
Book TitleAvashyakaniryuktidipika Part_2
Original Sutra AuthorN/A
AuthorManekyashekharsuri
PublisherVijaydansuri Jain Granthmala Surat
Publication Year1945
Total Pages410
LanguageSanskrit
ClassificationManuscript & agam_aavashyak
File Size20 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy