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________________ आवश्यक- 1 चउरांसीई विसत्तरि सट्ठी तीसा य दस य लक्खाई। पण्णटि सहस्साई, छप्पण्णां बारसेगंचे ॥४०५॥ नियुक्ति ___ वासुदेवायुः ८४ वर्षलक्षाणि, ६५ वर्षसहस्र०, ५६ सह०, १२ सह०, १ सह० ॥ ४०५ ॥ 'पंचा' दीपिका ॥ पंचासीई पणेत्तरी अ पण्णट्ठि पंचवण्णा य । सत्तरस सयसहस्सा पंचमए आउअं होइ ॥४०६॥ ८५ वर्ष ल०॥ ४०६ ॥ 'पंचा' | पंचासीई सहस्सा पणट्ठी तह य चेव पण्णरर्स । वारस सयोइं आउं, बलदेवाणं जहासंखं ॥४०७॥ ___८५, ६५, १५ सहस्र०, १२ वर्षशतानि ॥ ४०७ ॥ 'पोअ पोअणे वारवइतिगं अस्सपुरंतह य होइ चक्कपुरं।वाणारसिं रायगिह अपच्छिमो जाओ महुराए ॥४०॥ ___ पोतनपुरं, द्वारवत्यां त्रिकं ॥ ४०८ ॥ ' मिगा' मिगाई उमाचेव, पुहवी सीओं य अम्मयाँ । लच्छीमई सेसमई, केगमई देवेई इय ॥ ४०९ ।। | ___एता हरिमातरः, तत्र 'अम्मया' अम्मका, 'केगमई' 'देवई इय'ति कैकेयी लक्ष्मणमाता तस्या मित्रा राज्ञीभवत्वात्सुलक्षणत्वाञ्चसुमित्रेत्यन्यन्नाम, अपराजिता पत्नमाता तस्याः कौशल्येत्यन्यन्नाम ॥ ४०९ ॥ 'भद्द' भद्दे सुभद्दा सुप्पी, सुदंसां विजय वेजयंती अ। तह य जयंती अपराजिओ य तह रोहिणी चेव ॥४० सर्ववासुदेवबलदेवायुर्जन्मभूमिमावनामानि। । - - ॥ ४० ॥ Jain Education Internet For Private & Personal use only Tww.jainelibrary.org
SR No.600031
Book TitleAvashyakaniryuktidipika Part_1
Original Sutra AuthorN/A
AuthorManekyashekharsuri
PublisherVijaydansuri Jain Granthmala Surat
Publication Year1939
Total Pages460
LanguageSanskrit
ClassificationManuscript & agam_aavashyak
File Size22 MB
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