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________________ समझकर कि महाराज उठेंगे, तो पहले उनकी दृष्टि सामनेकी ओर इसी तरफ पड़ेगी।४६-४८। सो ठीक ही है, लोकमें जैसे मालिक वैसे ही नौकर देखने में आते हैं । इतने में सत्यभामाके नौकर भी बधाई देनेको वहाँ श्रा पहुंचे। उन्होंने घमंडमें आकर विचार किया कि, हमारी महारानी तो पटरानी है, हम नीचे की तरफ क्यों खड़े रहें ? इसलिये वे कृष्णजीके मस्तकके पास (सिराने) खड़े हो गये ।४९५०। जब कृष्णजी निद्रासे जागे, और सेजपर उठकर बैठे, तो प्रथम ही सामने खड़े हुए रुक्मिणीके नौकरोंने बड़ी प्रसन्नतासे बधाई दी।५१। हे नराधीश ! आप चिरंजीव रहो ! चिरकाल जयवंत रहो ! रुक्मिणी रानीके पुत्ररत्नकी उत्पत्ति हुई है, उसके साथ आप चिरकाल पर्यंत राज्यसुखका अनुभव करो ५२। नौकरोंके मुखसे पुत्रजन्मके सुहावने शब्द सुनकर कृष्णनारायणको सन्तोष और हर्ष हुआ।५३। उन्होंने तत्काल गुणनिधान. पुत्र जन्मकी बधाई देनेवालोंको राजचिह्न छोड़कर समस्त वस्त्र आभूषण इनाममें दे दिये ।५४। और उसी समय अाज्ञा दी कि, जागो और मंत्रियोंको मेरे पास बहुत शीघ्र बुला लानी।५५/प्राज्ञानुमार नौकर मंत्रियोंको बुला लाये। मंत्रीगण कृष्णजीके पास आये और प्रणाम करके सामने बैठ गये ५६। तब नारायणने मत्रियोंसे आदरपूर्वक कहा कि, मेरे घर पुत्रका जन्म हुआ है। इसकी खुशीमें याचकोंको जो वे मांगें, सो दान दो, शत्रुओं को जेलखानेमेंसे छोड़ दो, श्रीजिनेन्द्रके मंदिरों में भक्तिभावसे पूजाविधान करात्रो, द्वारिकापुरीमें उत्सव करो और नगरीको सिंगारो इसप्रकार मंत्रियों को आज्ञा देकर जब श्रीकृष्णजीने अपने कंधेको मुरकाके मिरानेकी तरफ देखा, तब विद्याधरी सत्यभामाके नौकरोंने बधाई दी कि हे देव ! विद्याधरी सत्यभामा महारानीके पुत्रकी उत्पत्ति हुई है ऐसे वचनोंको सुनकर श्रीकृष्णजी और भी प्रसन्न हुए और उन्होंने हुक्म दिया कि इन्हें भी इनाममें धन तथा वस्त्राभूषण प्रदान करो।५७ ६१। “सर्व प्राणियोंकी बुद्धि कर्मके क्षयोपशमके अनुसार हीनाधिक होती है और जो अतिशय अभिमान करता है, उसका विनाश होता है । देखो । तीन खण्डका Jain E lon international For Private & Personal Use Only www. library.org
SR No.600020
Book TitlePradyumna Charitra
Original Sutra AuthorSomkirtisuriji
AuthorBabu Buddhmalji Patni, Nathuram Premi
PublisherBharat Varshiya Anekant Vidwat Parishad
Publication Year1998
Total Pages358
LanguageHindi
ClassificationManuscript & Story
File Size9 MB
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