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________________ ४३ वर्णन कर सकता है ? | १३५ । वन उपवनों की शोभा को देखते हुये और तरह तरहके विनोद करते हुए नवे रैवतक पर्वतपर पहुँचे। उस पर्वतको देखकर रुक्मिणी के चित्तमें बड़ी प्रसन्नता हुई । १३६ । नन्दनवन के चरित्र समान वृक्ष और लताओं से भरे हुए उस बनमें बलदेवजीने कृष्ण और रुक्मिणीका पाणिग्रहण (विवाह) कराया |३७| सो उसी समय से वह स्थान पृथ्वीतलपर रुक्मिणीवन के नाम से प्रसिद्ध होगया । ठीक है, बड़े पुरुषोंकी संगति से किसमें बड़प्पन नहीं या जाता है ? | ३८ | महत्पुरुष किसी भी ग्राम में वा वनमें क्यों न जावें, वहाँ भी पुण्योदयसे सब बातका ठाठ रहता है | ३६ | उस नन्दनवन के समान वनमें श्री कृष्ण नवोढ़ा रुक्मिणी के साथ क्रीड़ा करने लगे |४०| तथा वे रुक्मिणी और बलदेवके समीप रहनेसे उस बनको स्वजनसमूहसे भरे हुए नगर के समान ही मानकर वहाँ ठहर गये |४१ ॥ इतनेमें द्वारिकानगरी में खबर फैल गई कि श्रीकृष्ण शत्रु को जीतकर और रुक्मिणीको साथमें लेकर बलदेवसहित रैवतकगिरिपर पधारे हैं, इससे उन्हें अथाह आनन्द हुआ । ४२-४३ । उन्होंने तोरणों तथा पताका नगरीको शृंगारित किया, मार्ग में पुष्प विछा दिये और चन्दनके जलका छिड़काव करा दिया | ४४ | जब नगरी इस प्रकार सजा दी गई तब कृष्णराजके कुटुम्बी तथा प्रजाके लोग भांति २ के आभूषण पहनकर और हजारों प्रकारके बाजे तथा अनेक स्तुतिपाठकों को (भाटोंको) साथमें लेकर सन्मुख (पेशवाई में) गये और बड़े उत्साहसे श्रीकृष्णनारायण तथा बलदेवजी से मिले ।४५-४६ । कृष्णजी ने आदर सन्मान करके अपने समस्त मित्र व बन्धुगणों को प्रसन्न किया और श्रीकृष्ण, रुक्मिणी तथा बलदेवजीने रथमें बैठकर द्वारिका नगरी में प्रवेश किया । ४७ । जब श्रीकृष्णने द्वारिकापुरीमें प्रवेश किया, तब नगरनिवासी लोग बड़ी उत्कंठा से मार्ग में वर और वधू को देखनेके लिये प्राये । ४८ । नगरनिवासिनी कौतुकाभिलापिनी स्त्रियों के तरह २ के विनोद हुए । अर्थात् वरवधू को देखनेकी उमंग से स्त्रियें अपने शरीर की सुध भी भूल गईं, जैसा कि यहाँ संक्षेप For Private & Personal Use Only Jain Education International www.jaaporary.org
SR No.600020
Book TitlePradyumna Charitra
Original Sutra AuthorSomkirtisuriji
AuthorBabu Buddhmalji Patni, Nathuram Premi
PublisherBharat Varshiya Anekant Vidwat Parishad
Publication Year1998
Total Pages358
LanguageHindi
ClassificationManuscript & Story
File Size9 MB
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