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________________ प्राम्न ७ २१ प्रकार कहके उसने राजा भीष्मकी रानियोंको मुनिके चरणोंमें प्रणाम कराया । नारदजीने रानियोंको आशीर्वाद देकर प्रसन्न किया । कुछ देर तक पुण्यमयी वार्तालाप होता रहा । इतने में ही नारदजी ने अपने संमुख खड़ी हुई रुक्मिणीको देखकर भीष्मराजकी बहिनसे पूछा, यह सुंदर बालिका कौन है । १०७ १०६ । " हे नाथ ! यह राजा भीष्मकी पुत्री है" । ११० । ऐसा कहकर उसने अपनी भतीजी ( रुक्मिणी) से मुनिको प्रणाम कराया । तब नारदजीने उसे ऐसा आशीर्वाद दिया कि "पुत्री तू श्रीकृष्ण महाराजकी पट्टरानी हो” मुनिके वचनोंको सुनकर रुक्मिणी चकित हो रही । १११-११२। और आश्चर्य से अपनी भुयाकी ( फूफीकी) तरफ झांकने लगी। भुयाने मुनिके वचनोंकी समस्यामात्र सुनी थी, इस कारण उसने पूछा मुनिमहाराज ! ( आपने यह क्या आशीर्वाद दिया ?) जिसका आपने अभी नाम लिया वे श्रीकृष्ण कौन हैं । ११३ ११४ । उनका निवास कहाँ है कुल कैसा है उमर कितनी है ? रूप कैसा है ? ऋद्धि कैसी है और कुटुम्ब परिवार कैसा है ? सो आप कहो । ११५ । तब नारदजीने जवाब दिया, हे बेटी ! मैं श्रीकृष्णका परिचय कराये देता हूँ, सुन ॥ ११६ ॥ सौराष्ट्र नामक देशमें एक द्वारिका नामकीनगरी है। उसमें श्रीकृष्ण महाराज राज्य करते हैं । वे हरिवंशके शृङ्गार, यादवोंके कुटुम्बके भूषण हैं, नव यौवनके धारक हैं, कामदेवके समान सुन्दर हैं, ऋद्धिवृद्धिकर सम्पन्न हैं, धनधान्यकर सहित हैं, सहस्रों यादववंशी उनके कुटुम्बी (स्वजन) हैं, शत्रुओं के वंशका उन्होंने विनाश किया है और अनेक राजा उनकी आज्ञाको पालन करते हैं । ११७-११६ । जिन्होंने बाल्यावस्थामेंही गोवर्द्धन पर्वतको अपने हाथ की अंगुली पर उठा लिया । दुष्टवित्ता पूतनाका तत्काल नाश किया, यमुना नदीके अगाध जलमें काले नागका मर्दन किया, संग्राममें कंसको तथा चार मल्लको नष्ट किया, समुद्रके तीर पर पहुंचते ही समुद्ररक्षक देवोंको वशीभूत किया और अपने भुजबलसे द्वारिका पुरीको बसाया । तथा जिनके नेमिनाथ जिनेश्वर सरीखे भाई हैं उनकी अतिशययुक्त For Private & Personal Use Only ६ Jain Education International चरित्र www.jelibrary.org
SR No.600020
Book TitlePradyumna Charitra
Original Sutra AuthorSomkirtisuriji
AuthorBabu Buddhmalji Patni, Nathuram Premi
PublisherBharat Varshiya Anekant Vidwat Parishad
Publication Year1998
Total Pages358
LanguageHindi
ClassificationManuscript & Story
File Size9 MB
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