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________________ সন্দ धन लेने की इच्छा करनेवाले इन विप्रोंसे तेरे अभिप्रायकी सिद्धि क्या होगी, अर्थात् तुझे क्या फल मिलेगा ? कुछ भी नहीं।६। विप्रोंके सब लक्षणोंके धारण करनेवाले और सम्पूर्ण विद्याओंके जाननेवाले | चरित्र विप्रको ही दोनोंलोकोंमें सुखकादेनेवाला समझकर मुझको भोजन करादेना चाहिये। मेरे तृप्त होजानेसे गो विप्र श्रादि सब तृप्त हो जावेंगे, और जो तूने यहां दिया है, वह सब परलोकमें पुण्यके लिये हो जावेगा।७-८। अतएव सम्पूर्ण पदार्थोंको जाननेवाले मुझ विप्रको ही भोजनदान देनेका प्रयत्न कर। क्यों कि मैं स्वयं तिरनेवाला और दूसरोंको तारनेवाला पात्र हूँ । इन करोड़ों विप्रोंके खिलानेसे क्या होगा ? जो वेद शास्त्रोंके ज्ञानसे रहित हैं, व्रत और शीलोंसे परांगमुख हैं, और अधम अर्थात् नीच हैं ।।. १०॥ चपल विप्रकी बात सुनकर सत्यभामाने विस्मित होते हुए तथा हर्षित होते हुए अपने सेवकोंसे कहा हे सेवकों ! इस वेद के पार पहुँचे हुए विप्रको खूब अादरके साथ विशेषताके साथ भोजन करा दो ११.१२। सेवक लोग "ऐसा ही होगा" कहकर उसे भोजनके लिये लिवा ले गये वहां पहँचकर उसने मुस्कराते हुए विप्रोंके लिये जो बहुतसे पाट (चौकी) रखे हुए थे उन सबके आगेके पाटपर धोनेके लिये अपने पैर रख दिये। यह देखकर विप्रगण बड़े ही कुपित हुए और परस्पर इस प्रकार बातचीत करने लगे यह सम्पूर्ण विप्रोंसे नीच पापी तथा जातिहीन है । इसे कुछ भी विवेक नहीं है, इसीलिये सबके अागेके पाटपर बैठ गया है ।१३-१६। उन विप्रोंमें जो कुछ वृद्ध थे, वे बोले-इस मूर्खको बैठ जाने दो। अधम तथा निन्दनीय पुरुषसे कलह नहीं करना चाहिये ।१७। जब तक इनकी इसप्रकार बातचीत हुई तब तक वह कलिका प्यारा विप्र अपना पांव प्रक्षालन करके मुख्य आसनपर जा बैठा। जब दूसरे विप्र पांव प्रक्षालन करके पीछेसे आये, तब इसे मुख्य प्रासनपर बैठे हुए देखके बड़े ही कुपित हुए और घमंडसे हँसते हुए बोले,यह बड़ा पापी है और बड़ा कलहप्रिय है। न तो इसकी जाति मालूम है, और न कुल मालूम है । गोत्र, वेद, प्रवर आदि भी इस शाखाहीन तथा अधम विपके मालूम नहीं For Private & Personal Use Only www. Jain Education international library.org
SR No.600020
Book TitlePradyumna Charitra
Original Sutra AuthorSomkirtisuriji
AuthorBabu Buddhmalji Patni, Nathuram Premi
PublisherBharat Varshiya Anekant Vidwat Parishad
Publication Year1998
Total Pages358
LanguageHindi
ClassificationManuscript & Story
File Size9 MB
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