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________________ . * रिपोर्ट तृतीय वर्ष श्री अखिल विश्व जैन मिशन * .८१ में जैन-लिखाओं का अन्दोलन और पूरी करने के लिये हर इतवार को भाषण मिरान का साहित्य बाँटा । मिशन केन्द्र में शंका सावधान के लिये ___ सन् १९५२ में अहिंसा-सप्ताह के आयोजन किया। समय धर्म-सम्मेलन बुलाया जिस में प्रचार का परिणाम करीब-करीब सब धर्म वालों ने भाग लिया। सिगेंज-काँग्रेस कमेटी के द्वारा दिवाली पर जैन विधि में पूजा की। सिरोज डिवीजन में कुछ पंचायत बोर्ड लोगों ने कुछ न कुछ त्याग किया । काँग्रेस कमेटियों को श्रादेश जारी कराया , कुछ ने तो, रात्रि-भोजन, शिकार कि वह अपने यहाँ अहिंसा-सप्ताह का खेलना, पाँच-उदम्बर, तीन मकार, प्रायोजन करें तथा सिरोज में नगर- जुआ खेलना, बलि चढ़ाना माँस खाना पालिका की ओर से एलान कराया कि नशीली चीजों आदि का त्याग किया। इन पुण्य तिथियों पर महाबीर-जयन्ती, जैनों से निवेदन किया गया कि के स्वाअनन्त-चतुदर्शी, गाँधी जयन्ती, जन्म ध्याय प्रतिदिन करें । इससे लोग जैन धर्म अष्टमी पर पशु-हत्या बंद रखी जाय को जानने लगें। इज्जत की निगाह से ऐमा श्रादेश सब गावों में भिजवाया। देखने लगे। कुछ जैन लोगों ने मरण इस वर्ष मिशन केन्द्र सिरोज की ओर भोज, पाखण्डी देवताओं की पूजा का --से राजस्थान के वाचनालय पुस्तकालय, त्याग, शादी में खर्चा की कमी की प्रतिज्ञा शिक्षक सस्थात्रों को मिशन का साहित्य की। मेट कर रहे हैं। नीचे लिखी संस्थानों मेरी-भावना को बहुत अच्छा बताया को साहित्य दिया गया है:- "गया । पाठशाला में मेरी भावना का (१) ग. हाई स्कूल पुस्तकालय सिरोज पाठ होने लगा और भी लोग प्रतिदिन मेरी (२) महात्मा गांधी रीडीग रूम, सिरोज भावना का पाठ करने लगे। सिरोज के पास (नगर पालिका) पास शाखा खोलने के विषय बात चीत चल (३) हिन्दी साहित्य परिषद वाचनालय, रही है। लोगों ने Voiee of Ahinsa सिरोज और 'अहिंसा-वाणी' की काफी प्रशंसा की (४) राज मिडिल स्कूल पुस्तकालय और कहा कि “कल्याण" जैसा प्रमुख लटेरी पत्र बने । इस-वर्ष वाचनालय से काफी (५) महाबीर वाचनालय, बॉरा लोगों ने लाभ लिया । और हरिजन को (९) इन्टरमीजियट जैन कालेज वाचना- अच्छा बनाने के विषय में बात चीत लय मेलसा.. . ---------चल रही है। (७) हिन्दी मिडिल स्कूल भेलसाः . विनीत . जैन समाज में वक्ताओं की कमी निर्मल कुमार जैन, संयोजक
SR No.543515
Book TitleAhimsa Vani 1952 06 07 Varsh 02 Ank 03 04
Original Sutra AuthorN/A
AuthorKamtaprasad Jain
PublisherJain Mission Aliganj
Publication Year1952
Total Pages98
LanguageHindi
ClassificationMagazine, India_Ahimsa Vani, & India
File Size30 MB
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