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________________ * अहिंसा-वाणी के पढ़ने को दिया। कई ने सामयिक पाठ (१) सभापतिः-जयकुमार जी वैद्य कंठस्थ कर लिया । श्री पद्मसिंह जी (२) संयोजकः-निर्मलकुमार जैन वकील ने भी 'सामयिक पाठ' कंठ याद (३) उप संयोजकः -राजेन्द्र कुमार ठेकेकरके पाठ करना प्रारंभ किया। उन्हें दार उसके हिन्दी पदों में गीता का आनंद (४) विद्यार्थी-संयोजक:-निर्मल कुमार श्राता है । कई बहनों ने 'मेरी भावना' जैन को पढ़ना स्वीकारा । श्राविका-धर्म शिक्षा (५) शंका समाधान कर्ताः-पं० सरदार सदन मेरठ में अापने एवं श्री केवती जी मल जी जैन ने 'अहिंसावाणी' और सामयिक पाठ इसी बीच में हमने कई प्रतिष्ठित व्यक्तियों एवं मेरी भावना आदि ट्रेक्ट भेंट किये से मुलाकात की, साहित्य दिया । इस पर थे, जिससे बहनों में प्रचार हुा । दिल्ली उनसे हमने मिशन की प्रशंसा, धर्म की के श्री गणपति राम जी मेहरा एक तत्वज्ञ, बड़ाई और शुभ-सम्मति और आर्शीवाद विद्वान् हैं । उन्होंने एक पुस्तक "Say. प्राप्त किए। ings of Sages & Scholare" सिरोंज शाखा की ओर से नीचे . लिखी है। उसमें जैन धर्म पर भी एक लिखे उत्सव मनाये गये और साहित्य नोट दिया है, जिसे उन्होंने श्री शान्ति इनाम श्रादि बाँटा गया :-महाबीर कुमारी जी द्वारा हमारे पास भेजा था--- जयन्ती, अहिंसा-सप्ताह, दश लक्षण उसका संशोधन किया गया। उन्होंने पर्व, इत्यादि । इनमें उत्सवों में भी भाग जैन कर्मसिद्धांत का अध्ययन करना लिया-शिक्षा-सप्ताह बाल-दिवस, हनुचाहा। अतः उनको अंग्रेजी में कर्म मान जयन्ती, गांधी जयन्ती, शान्ति सागर सिद्धांत की पुस्तके भेजी गईं। उनसे हीरक जयन्ती आदि और सिरोज से वापस पाने पर वह पुस्तक डा. एव्वे संयोजक को जैन कार्य-कर्ता सम्मेलन पढ़ रहे हैं । इस प्रकार श्री शान्तिकुमारी गाजियाबाद में भाग लेने को भेजा । सब जी द्वारा सक्षेप रूप में ठोस प्रचार किया कार्य सफल रहा। गया है। जिसके लिए मिशन उनका अाभारी है । अन्य वहनें उनका अनुकरण . ऐसे समय में लोगों से अपील की करें तो अच्छा है। कि मिशन को आर्थिक सहायता और --:रिपोर्ट:-- प्रचार कार्य में सहयोग दें। अ० व० जैन मिशन शाखा सिरोज हिन्दुओं के बड़े-बड़े उत्सवों में - श्री अखिल विश्व जैन मिशन सिरोज जैसे:-दशहरा, होली, दिवाली इत्यादि शाखा ने अपना कार्य दिनाङ्क ६-३-५१ पर लोगों से बुरी बातों का त्याग कराया। से शुरू किया, इस शाखा के निम्नलिखित गावों में जाकर प्रचार कियाः-देवपुर कार्यकर्ता सर्व-सम्मिति से चुने गये। में विमानोत्सव पर जाकर जन-गणना
SR No.543515
Book TitleAhimsa Vani 1952 06 07 Varsh 02 Ank 03 04
Original Sutra AuthorN/A
AuthorKamtaprasad Jain
PublisherJain Mission Aliganj
Publication Year1952
Total Pages98
LanguageHindi
ClassificationMagazine, India_Ahimsa Vani, & India
File Size30 MB
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