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________________ * रिपोर्ट तृतीय वर्ष श्री अखिल विश्व जैन मिशन श्यक कार्य हैं जिनकी पूर्ति से स्थायी और ठोस धर्म प्रभावना हो सकती है । दातारों को ध्यान देना उचित है। जैन मन्दिरों में संचित फंड इस कार्य में व्यय किया जावे तो और भी अच्छा है 1 मिशन का सङ्गठन मिशन के विधान में समाज के सच्चे सेवक अनुशासन और संगठन द्वारा सेवा धर्म का पालन करें, इस बात का ध्यान रक्खा गया है। प्रमुख संचालक के नेतृत्व में प्रादेशिक एवं स्थानीय संयोजकगण सभी कार्य करते हैं, जिनके कार्यकाल की अवधि तीन वर्ष है । सदस्यगण बहुमत से कार्यकर्ताओं का चुनाव आदि करने अधिकारी हैं। तृतीय वर्ष निम्न० कार्यकर्त्ताओं ने मिशन कार्य को आगे बढ़ाया : – सम्माननीय संरक्षक - श्रीमान् दानवीर सेठ गुलाब चन्दजी टोंग्या, इन्दौर प्रधान संचालक श्री कामता प्रसादजी जैन, अलीगंज, श्री इन्द्रजीत जी वकील, कानपुर । प्रादेशिक संयोजक गण : [१] उत्तर प्रदेश - श्री शान्ति चन्द्रजी बिजनौर, श्री रतन जैन एटा, श्रीमती शान्तिकुमारी जी मेरठ, श्री प्रेमचन्दजी खतौली, श्री शिखरचन्द जी बड़ौत, श्री प्रो० सुल्तानसिंहजी, शामली, श्री गिरीशचन्द्र जी कासगंज श्री नरेन्द्र कुमार जी देहरादून, इन संयोजक महानुभावों ने अपने अपने क्षेत्रों में सदस्य बनाये व प्रचार किया। १० उनके अतिरिक्त राय साहब सेठ मटरूमलजी बैनाडा, आगरा, श्री प्रो० श्यामसिंहजी जैन लखनऊ एवं श्री नेमीचन्दजी वकील सहारनपुर ने भी प्रचार ने पूर्ण सहयोग दिया । मिशन उनका अभारी हैं। [२] दिल्ली प्रान्त - पं० सुमेरचन्दजी जैन शास्त्री और श्री राजारामजी जैन, नई दिल्ली । [३] पंजाब - श्री रूपचन्द जी . गार्गीय जैन, पानीपत । बाबू श्री जय भगवानजी का सहयोग उल्लेखनीय रहा । [४] राजपुताना श्री पं० राजकुमारजी जैन, शास्त्री, चेयरमैन म्युनिसिपल बोर्ड नवाई, श्री कुंवर हीराचन्दजी बोहरा, बी० ए०, प्रजमेर, और श्री हरिश्चन्द्रजी ठोल्या जयपुर । श्री निर्मलकुमार जी जैन सिरोंज । श्री माणिकचन्द्र जी नसीरा बाद | [५] मध्यभारत - श्री प्रकाशचन्द्र जी टोंग्या एवं श्री ईश्वरचन्दजी बड़जात्या, इन्दौर; श्री सत्यंधरकुमारजी सेठी, उज्जैन । श्री नाना लाल केशरी मलजी मेहता, एडवोकेट, झाबुआ, श्री सेठ लक्ष्मीलाल जी सेठी मंदसौर और श्री लाडली प्रसादजी, सवाई माधोपुर - स्थानीय संयोजक गण रहे । [६] सौराष्ट्र- प्रथम वर्ष में सेठ मूलचन्द किसानदास जी कापड़िया, सूरत रहे । उपरान्त उनको अव
SR No.543515
Book TitleAhimsa Vani 1952 06 07 Varsh 02 Ank 03 04
Original Sutra AuthorN/A
AuthorKamtaprasad Jain
PublisherJain Mission Aliganj
Publication Year1952
Total Pages98
LanguageHindi
ClassificationMagazine, India_Ahimsa Vani, & India
File Size30 MB
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