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________________ ॥ श्रीवीतरागाय नमः ॥ दिगंबर जैन. THE DIGAMBAR JAIN. नाना कलाभिर्विविधश्च तत्वैः सत्योपदेशैस्सुगवेषणाभिः । . संबोधयत्पत्रमिदं प्रवर्तताम्, दैगम्बर जैन समाज-मात्रम् ॥ वर्ष १७ वाँ. वीर संवत् २४५०. वैशाख वि० सं० १९८०. | अंक ७ वां दिया है। प्रक्षालके लिये जो पूजा केसमें फैसला मिल चुका है कि चरणोंपर तबक वगैरह हटाकर दिगम्बरी अपना प्रक्षाल करें वही बहाल रहा है। अर्थात् अब श्वेतांवर भाई जो नये मकानात, हमारे पाठक अच्छी तरहसे जानते हैं कि मंदिरे दरवाजे वगैरह बनाना चाहते थे वे नहीं श्री सम्मेद शिखरजी शिखर जी केसमें तीर्थपर हम अच्छी तर बना सकेंगे। इस केसमें तीर्थभक्त ला• देवीसहाहमारा विजय। इसे पूना सेवा कर के यनी, बेरिस्टर चंपतरायजी, बा० अनितपसादनी. तथा श्वेतांवरी भाई कोई सेठ दयाचंदनी, बा० निर्मलकुमारजी, बा. रोकटोक न करे न कोई नवीन कार्य करे इस हरनारायणजी, बेरिस्टर जुगर्मदरदासनी, साहु प्रकारका केस हमारी तरफसे हमारीबाग व जुगमंदरदाप्त नी, रा. सा. फूलचंदनी, पं. रांचीकी कोर्ट में चार पांच माहसे चल रहा था जयदेवनी, भाई कालूरामजी आदिने बड़ा भारी जिसमें हमारी ओरसे व श्वेतांवरियों की ओरसे परिश्रम किया है तथा चंपतरायन व अनितपकई गवाह गुजर चूके थे व अंतमें इसका सादनीने तो अपना घर छोड़कर निःस्वार्थ फैसला हमारे लाममें ता० २६ मई को रांचीके भावसे इस कुल केसकी परवा की थी जिससे सब जनने दिया है जो बहुत ही विचारके हमारी समाजको कमसे कम पचास हजार रु. का साथ न्यायपूर्वक दिया है। फैसलाका सार फायदा हुआ है । दि जैन समान हमेशके लिये यह है कि शिखरजीका पहाड़ देवस्थान है, भापकी कृतज्ञ ही रहेगी। श्वेतांबरी किसी किस्मके मकानात पहाड़ पर परन्तु इससे हमें संतोष करके पैठ रहनेका नहीं बंधवा सकते सिवा इसके कि यदि चरण नहीं है क्योंकि शायद श्वेतांवर भाई इस पर चिह्न पुनः बैठाना हो तो वे वैसे ही बैठा सक्ते अपील भी करेंगे तो उसके लिये ममीसे हमें हैं और जो चरणन्ति वर्तमानमें नष्ट होगये हैं तैयार रहना होगा। उधर रानगिरिमें नया उन्हें पुनः स्थापित करने का हुक्म भदालतने झघडा हमारे श्वेतांबरी भाइयोंने खड़ा कर
SR No.543197
Book TitleDigambar Jain 1924 Varsh 17 Ank 07
Original Sutra AuthorN/A
AuthorMulchand Kisandas Kapadia
PublisherMulchand Kisandas Kapadia
Publication Year1924
Total Pages42
LanguageHindi
ClassificationMagazine, India_Digambar Jain, & India
File Size7 MB
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