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________________ ३. ww वीर दिगम्बर जैन भंक ५] २४००) प्रस्तावक-ब्र. सीतलप्रसाद नी दि. श्वे. एकता विभाग १०००) समर्थक-पं० चंद्रकुमारजी न्यायतीर्थ प्रबंध खाता ५००) , पं० बागमनी। प्रचार खाता १०.०) प्रस्ताव नं०१४-उच्च धार्मिक और लौकिक इतिहास सम्बन्धी ५००) शिक्षाकी जन समाजमें अभीतक बहुत कमी है ट्रैक्ट विभाग १००) इसे दूर करनेके लिये यह परिषद प्रस्ताव करती नैन ह्रासके उपायोंका अनुसंधान ५००) है कि जैसे सेठ माणिकचंद पानाचंद बम्बई व बोर्डिंगोंमें व्याख्यान विभाग १००) लाला प्यारेलाल वकील देहली छात्रवृत्ति फंड पुस्तक तैयार ५००) स्थापित करके सहायता देते हैं उसी तरह अन्य ७४००) धनवानोंको प्रेरणा की जाय कि वे अपनी चंचला १४००) लक्ष्मीका उपयोग छात्रों को सहायता रूपसे या ६०००) कर्न रूपसे देकर शिक्षा प्रचार करें । प्रस्तावक-ला. रतनलालजी - प्रस्तावक-ब शीतलप्रसादनी।। समर्थक-ब्र० शीतकप्रसादनी समर्थक-मास्टर चेतनदासनी मथुरा । , -मूलचन्द किसनदासजी कापड़ियासुरत प्रस्ताव नं० १५-भारत दि. जैन परिषद्की प्रस्ताव नं० १३-वर्तमानमें जैन समान प्रबंधकारिणी कमेटीके निम्नलिखित सदश्य चुने बिम्ब व वेदी प्रतिष्ठाओंको अधिकतासे करती जाते हैंहुई उनको लौकिक मेलेका रूप देकर सच्ची १ चम्पतराय बेरिस्टर सभापति धर्म प्रभावनामें हानिकारक होरही है, इसलिये २ साहू जुगमन्दरदासजी उपसभापति यह परिषद् प्रस्ताव करती है कि अत्यन्त आव. ३ बा• रतनलालमी बिजनौर मंत्री श्यकता होने पर ही प्रतिष्ठाएं बहुत सादगी ४ ला• नेमीशरण नी जैन वकील बिननौर मौर कम खर्च में की जाय तथा उनमें अत्यन्त साहू जुगमंदरदासजी , भावश्यक भोजनादि सामग्रीकी दुकानोंके सिवाय बा. बलवीरसिंह वकील मुनफरनगर मंत्री और उसमें न रक्खी जाय तथा धर्म व्याख्या व्याख्यान विभाग नोंका व महान पूनाका अधिक प्रबन्ध किया ७ हीरालालनी एम०ए० इतिहास विभाग मंत्री नावे और प्रतिष्ठाओंमें दावत करना व गिदोडा ८० शीतलप्रसाद नी लडूडू वांटना बंद किया जाय तथा दाना पास ९ मास्टर बिहारीलालनी अमरोहा लकड़ीका प्रबंध दाम लेकर किया जाय और १० राजेन्द्रकुमारजी बिजनौर ऐसे अवसरोंपर मिलनी भादिकी रश्म बन्द ११ अजितप्रसादनी एम० ए० लखनऊ की नाय । १२ वा० ऋषभदास वकील मेरठ
SR No.543196
Book TitleDigambar Jain 1924 Varsh 17 Ank 06
Original Sutra AuthorN/A
AuthorMulchand Kisandas Kapadia
PublisherMulchand Kisandas Kapadia
Publication Year1924
Total Pages36
LanguageHindi
ClassificationMagazine, India_Digambar Jain, & India
File Size7 MB
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