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________________ ७res (८-अ ) . दिगंबर जैन। ससनर-में ब्र० छोटेलालके पघारनेसे जैन बोर्डिंग हाउस मरेठ-का १२ अनेक प्रकारके सुधार हुये व पाठशालाकी व्यव- वां वार्षिकोत्सव कार्तिक सुद १-२ ता.९-१० स्था होगई। नवम्बर को पा० धर्मदास जैनकी धर्मशालामें - महावीर ब्र० आश्रम कारंजा-का होगा इसमें उत्तम २ व्याख्यान करनेवाले व पांचवां वार्षिकोत्सव सेठ हीरालाल कामदार बिनो. उत्तम कविता पढनेवालेको रजतपदक दिये जावेगे। लियाके सभापतित्वमें आश्विन सुदी १२ को ___ ऋषमदाप्त वकील । बड़े मारी समारोह के साथ हुआ था। सुबह से , २-मां से मुही ८ वहिन भाम ૧૧ એ વિધિ પૂર્વક યજ્ઞોપવિત ગ્રહણ કર્યું હતું ८ तक दौडने की शर्त, सर्कस जैसे व्यायामके જે પ્રસંગે ત્યાં પં. દીપચંદજી વણ ખાસ પધાર્યા अनेक प्रकार के खेल हुए जिसमें उत्तीर्ण विद्या- ता. १० सुरेशात तात्य छन. . र्थियों को सोने चांदी के तमगे व २५) बक्षीस महावा-जी ० भ०६० मा दिये गये। सारांश कि यहांकी बाहुबलि व्यायाम ગમાં રૂપાબાઈ સ્મારક વિદ્યાર્થી મંડળ તરફથી નાગપુર સત્યાગ્રહમાં જેલયાત્રા ભેગવી આવનાર शाला अतीव उत्तम व अनुकरणीय कार्य कर सास धेयामा गांधी असेश्वरने मादी रही है जिसका सारा श्रेय व्यायामाध्यापक प्रो० ५२ छापे मानपत्र भय ४२वामा . मायु श्री. अमीचंद शाहको है। शामको श्रमरा तु. भानपत्रमा उत्तरमा छ।बाबमासन बर्षिकोत्सव हुआ था जिसमें श्री चारे वकीलने अनुभव व्या ते अन यु तु त्यां પણ ન ધર્મ પાળી શકાય છે. स्वागतका ख्यान किया, शामलाल दुलासान साभाई-भां पशु मामा २७वनकाबरीने रिपोर्ट पढ़ा फिर विद्यार्थियोंके अंग्रेनी सन २१ वा भोटे ता. २६ सप्टेपरे भान. संस्कृत व हिंदी संवाद हुए व अंतमें समापतिका पत्र अपायुं तु. नाख्यान हुआ जिसमें उन्होंने इस ब० अ श्र.. - ६. नेन पाशामा पानि મેળાવડો ભાદરવા સુદ ૧૦ ને દિને કોઠારી પનાमके कार्यकी बहुत प्रशंसा की व चवरे वकील व લાલ દલીચંદજીના સભાપતિ પણ નીચે થયો હતો. महाजन वकीलने सबका आभार माना व उत्सव જ્યારે પં૦ દીપચંદજી વર્ણ, જેચંદ નાથજી વગેसमाप्त हुआ । उत्सवमें बहारसे बहुतसे माई रेन व्यायाने २४ नामी वयाया ता. - સુરત-ની દિ. જૈન પાઠશાલાની વર્ષગાંઠ पधारे थे। ભાદરવા વદી ૫ ને દિને ઉજવાઈ હતી, જ્યારે 20 विधायामाना गायन, व्यायान, संवाद, सरत, श्राविकाश्रम में दश श्राविकाओंकी जगह खाली रास (३२गुथव।) पोरे थयां Cai. है। आनेपाली बाईये शीघ्र ही पत्रव्यवहार करें. - લાકડા-માં કોઠારી ઉગરચંદ સકલચંદ - દિવ જૈન પાઠશાળાનું નિરીક્ષણ પં. નંદલાલक्योंकि दीवाली पीछे नया अभ्यासक्रम चालु मेरी सताष यो ता. ५शाणानु होनेवाला है। સ્થાયી ફંડ થવાની જરૂર છે. પુસ્તકો સાથે ભણ વવાં જોઈએ તથા ક્રમ પરીક્ષાલયનો રાખવે स मंत्री, श्राविकाश्रम, तारदेव, मुम्बई। જોઈએ. પંચને પાઠશાળાપર પ્રેમ બહુ છે.
SR No.543190
Book TitleDigambar Jain 1923 Varsh 16 Ank 12
Original Sutra AuthorN/A
AuthorMulchand Kisandas Kapadia
PublisherMulchand Kisandas Kapadia
Publication Year1923
Total Pages38
LanguageHindi
ClassificationMagazine, India_Digambar Jain, & India
File Size10 MB
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