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________________ महावार ३-महूरस का जीमन कायम रक्खा जाता है । ४-शाक व मधूकना बंदाना व माटला बेड़ा लाना बंद किया जाता है। ५-पडले के वेष चार होंगे जिसमें घाघरा २१ पल्ले का होगा । ६-कलेवा नालेर का कायम रक्खा जाता है। ७-संगरीवांनेले में ३५ मनुष्यों से ज्यादा नहीं भेजे जाय और वे सब छोटे बड़े मिलाकर होंगे। ८-वोवार हमेशा के दस्तूर माफिक कायम रहेगा । --जीमन लग्न के दिन दस्तूर माफिक कायम रहेगा । १०-शादी जहां तक मुमकिन हो जैन विधि से की जाय । ११-गोटी व खूप कतई बन्द किया जाता है । १२–नियात की गूगरी बदस्तूर कायम रक्खी जाती है। १३-पापड की लोई देने का दस्तूर है वह बन्द किया जाता है । १४-शादी होने के वक्त व ओतरों के वक्त विन्द बिन्दनी के बाप या भाई को ‘रु. १) व नालेर दिया जाता है वह कायम रक्खा जाता है और सगे गिनायत जो हाजिर हो उनको नालेर व पैसे दस्तूर माफिक दिये जाय । १५–ोतरों के वक्त बादाम का थाल भराया जाता है उसके बजाय दस सेर पक्की बादाम दी जाय । बाकी सामान दस्तुर माफिक रहेगा । १६ -श्रोतर होने तक जमाई सासरे सोने जाय । दिवाली तक सोने जाने का रिवाज बन्द किया जाता है । १७ --देवांगणा व वरलारोटी का रिवाज बन्द किया जाता है । १८-लड़की वाला आइन्दा से दो गौरव देगा जिसमें एक नियात का व एक सगों का होगा और जिसको जियादा करियावर करना हो तो नियात के एक से ज्यादा गौरव कर सकता है । १६-शिरामणी बदस्तूर कायम रक्खी जाती है । २०-हर एक जीमन में जहां खिचड़ी होती है उसके बजाय चावल किये जाय ।
SR No.541501
Book TitleMahavir 1933 04 to 07 Varsh 01 Ank 01 to 04
Original Sutra AuthorN/A
AuthorC P Singhi and Others
PublisherAkhil Bharatvarshiya Porwal Maha Sammelan
Publication Year1933
Total Pages112
LanguageHindi
ClassificationMagazine, India_Mahavir, & India
File Size18 MB
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