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________________ स्वीकृत नियम [ २१ -- नियात के गौरव के दिन लड़की वाले की तरफ से लापसी मण पांच कच्ची तोल यानि सिरोही के तोल की बिन्द ( वर वाले ) के यहां भेजी जाती है वह बदस्तूर कायम रहेगी। सगों के खाने के पुरसियों की लापसी इसमें शामिल है । २२ -- ओतरों के वक्त मिठाई व बादाम के रुपये दिये जाते हैं वे बदस्तूर कायम रहें । २३ – बिन्दनी को लग्न चूड़ा का पहिनाना कायम रक्खा जाता है । २४ - - बाजे गाजे रंडी आतशबाजी बन्द की जाती है । ढोल, थाली, नकारा व ढोलन लाने की इजाजत है । २५ – बाहिर परपट्टी में लड़के का सगपण करे उसमें जेवर व करीयावर घर धनी अपनी मंशा माफिक करे मगर बेन्ड, रंडी व आतशबाजी नहीं ले जाय व रेशमी कपड़ा नहीं वापरे । २६ - आडवांनोलिया बंद किया जाता है । २७ -- शादि होने बाद व ओतर होने बाद बिंद बिंदणी गाडी में बैठकर घर आते हैं उसके बजाय पैदल वें । २८ -- बिंदनी का भांजा हो तब मरवन जीमने को बदस्तूर जावें । २६ -- पेहरावणी का सीरा अगले सरस्ते मुजब कायम रहेगा । ३० - जीमन में जीमने को कहे उसी के घर वाले जाये उसके घर से सगे भाई बहिन बेटी व भांगेज के खानदान में से जा सकते हैं । दूमरे नहीं । ३१ - बाहर गांव में छोकरी दी जाय तो सामी खीचड़ी से ब्याव करे | ३२ -- दीवाली का मगज ( दौर ) डाला जाता है वह बंद किया जाता मांमेरा सम्बन्धी १ - - मामेरा का पारा २५ सेर तोल सिरोही का कायम रहेगा और गोरव के दिन परीया मणा आधा तोल सिरोही का मांमेरावालों को दिया जायगा जिसके मांमेरा आयगा वह देवेगा । २ -- मांमेरा नहीं होत्रे और सिर्फ नाणा देवे तो नाये का पारा १० सरे तोल सिरोही का होगा ।
SR No.541501
Book TitleMahavir 1933 04 to 07 Varsh 01 Ank 01 to 04
Original Sutra AuthorN/A
AuthorC P Singhi and Others
PublisherAkhil Bharatvarshiya Porwal Maha Sammelan
Publication Year1933
Total Pages112
LanguageHindi
ClassificationMagazine, India_Mahavir, & India
File Size18 MB
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