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· महावीर
प्रस्ताव नं० ५ - वृद्धविवाह को रोकने व कन्या और वर की उमर नियन्तृत करने के विषय में है जो समय को देखते हुए ठीक है। इस विषय में बृटिश सरकार ने शारदा एक्ट पास किया है और उसी के अनुसार इन कानूनों को तोड़ने वालों को सजाएं हो रही हैं। भारत की बहुतसी रियासतों ने भी इस कानून को पास किया है । उम्मेद है कि सिरोही राज्य मो अपनी प्रजा के श्रेय के लिये इस कानून को पास करे और प्रजा का आशीर्वाद प्राप्त करे। जहां कि प्रथम सम्मेलन हुआ है |
प्रस्ताव नं० ६ - महा सम्मेलन के उद्देश्य व प्रस्तावों का प्रचार करने के लिये एक मुख पत्र को प्रकाशित करने के विषय में है और उसी के अनुसार यह ' निबन्ध माला ' के रूप में प्रकाशित होरहा है ।
प्रस्ताव नं० ७- - हाथी दांत के चूड़े को सर्वथा बंद करने के विषय में है। यह प्रस्ताव पास कर ६०००० हजार हाथियों की हिंसा बंद करने के विषय में जो प्रयास किया गया है अति प्रशंसनीय है और इस प्रसङ्ग पर योगनीष्ट शांतमूर्ति अनन्त जीव प्रतिपाल योग लब्धी सम्पन्न राजराजेश्वर भी शान्ति विजयजी महाराज ने बहुत कुछ उपदेश दिया जिस पर सारा पण्डाल क्या स्त्री और क्या पुरुष सब ने आइन्दा चूड़ा न पहिनने व पहिनाने व खरीदने का उनके सामने प्रण किया। योगनिष्टजी से निवेदन है कि वे इस विषय में पूर्णतया उपदेश देवें ताकि यह प्रथा सर्वथा बंद होजाय ।*
प्रस्ताव नं० ८ - देश और समाज की मौजूदा आर्थिक स्थिति देखते सम्मेलन ने विवाहादि प्रसङ्गों पर कम खर्च करने का जो प्रस्ताव पास किया है। वह समयोचित है । अतः हर गांव की पंचायत से निवेदन है कि वे इस पर पूरा पूरा अमल करे ।
प्रस्ताव नं० ६ - विवाहक्षेत्र को विस्तृत करने के विषय में है जो समाज को टिकाने में साधनभूत है विवाहक्षेत्र को विस्तारित करने और जाति में सामाजिक सुधारों की झड़ी लगाने और उनको कार्यरूप में रखने के लिये जांति के उत्साही युवकों व युवतियों को कार्यक्षेत्र में उतर जाना चाहिये। पौरवाल जाति के हरएक विभाग को इसे कार्य रूप में रखने के लिये अपनी २ * नोट -- इस विषय में विशेष जानना होतो बहिनों से दो बातें " नामक पुस्तक सम्मेलन ऑफिस द्वारा प्रकाशित को देखें ।
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