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________________ ANEKANTA - ISSN 0974-8768 में भी वैज्ञानिकों ने कुछ वर्षों से ही जाना है, परन्तु हमारा जैनधर्म तो इनका अस्तित्व ज्योतिषी देवों के रूप में अनादिकाल से मानता आया है। 5. पहले वैज्ञानिक प्रकाश और अंधकार को केवल शक्ति मानते थे. बाद में आइन्स्टीन के सिद्धान्त E=mc2 के अनुसार प्रकाश को द्रव्य मानने लगे, क्योंकि इस सिद्धांतानुसार जहाँ द्रव्य है, वहां पर शक्ति भी है; परन्तु जहाँ पर शक्ति है, वहां पर द्रव्य भी है। अर्थात् द्रव्य एवं शक्ति अभिन्न हैं। इस प्रकार प्रकाश केवल शक्ति है वह सिद्धान्त भ्रांत सिद्ध हो गया, क्योंकि जैन दर्शन प्रकाश और अंधकार को पुद्गल द्रव्य मानता है। वे पुद्गल द्रव्य की पर्यायें हैं। 6. पहले वैज्ञानिक जिस अणु को अविभाज्य मानते थे, वही अणु आगे जाकर इलेक्ट्रॉन व प्रोटॉन, न्यूट्रॉन व क्वार्क में विभाजित हो गया। 7. पहले वैज्ञानिक रसायन शास्त्र में भौतिक तत्त्व 85 मानते थे, बाद में 105 भी मानने लगे। 8. वर्तमान आधुनिक युग में आकाश मार्ग में गमन करने के लिये विज्ञान में विभिन्न प्रकार के हेलीकॉप्टर, रॉकेट आदि वायुयान दिये हैं। वायुयान का आविष्कार 'राइट ब्रदर्स' ने किया था, लेकिन प्राचीन काल में भी अत्यन्त द्रतगामी विराट, वहत एवं क्षद्र वायुयान होते थे। रावण का पुष्पक विमान वृहत् वायुयान था, जिसका निर्माण भगवान् मुनिसुव्रतनाथ के काल में हो चुका था। यह पुष्पक विमान एक योजन (12km) लम्बा और आधा योजन (6km) चौड़ा था। इसमें लाखों मनुष्य, हजारों हाथी, घोड़े, शस्त्र, बगीचा, व्यायामशाला, तालाब आदि होते थे। समयानुसार गमनागमन के लिये अथवा आकाश मार्ग में युद्ध करने के लिये पुष्पक आदि विमानों का उपयोग किया जाता था। 9. आधुनिक विज्ञानानुसार 7 रंग होते हैं। उदाहरण- यदि किसी अंधेरे कमरे में किसी सूक्ष्म छिद्र से प्राप्त होने वाले सूर्य के प्रकाश को प्रिज्म में से गुजारा जाए तो वह प्रकाश बैगनी, जामुनी, नीला, हरा, पीला, नारंगी, लाल रंगों में विभक्त हो जाता है और इन रंगों का सम्मिलित रूप ही श्वेत प्रकाश है; परन्तु जैन दर्शन इन 7 रंगों को लाल, नीला, पीला, काला, सफेद इन 5 रंगों में ही समाहित मान लेता है। इसलिये जैन-ध्वज
SR No.538072
Book TitleAnekant 2019 Book 72 Ank 07 to 09
Original Sutra AuthorN/A
AuthorJaikumar Jain
PublisherVeer Seva Mandir Trust
Publication Year2019
Total Pages100
LanguageHindi
ClassificationMagazine, India_Anekant, & India
File Size2 MB
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