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________________ 88 ANEKANTA - ISSN 0974-8768 जैन धर्म और गणित विज्ञान- हमारे जैनाचार्यों ने शून्य व दशमलव पद्धति का आविष्कार किया। यदि दशमलव पद्ध का आविष्कार नहीं होता है तो गणित व विज्ञान का विकास भी नहीं होता। आचार्य महावीर ने 'गणितसार संग्रह' में लघूत्तम समापवर्त्य, दीर्घवृत्त, अंकगणित, त्रिकोणमिति, बीजगणित, पाई आदि का वर्णन किया है, जिसे आधुनिक गणितज्ञ बाद में सिद्ध करते हैं। जैनाचार्यों का आध्यात्मिक ज्ञान एवं उपलब्धि, महत्त्वपूर्ण वैज्ञानिक सिद्धांतों से समन्वित है। पुण्य पाप की अवधारणा एवं आधुनिक विज्ञान- हम सभी जानते हैं कि पत्थर हाथ से छूटने के बाद नीचे गिरता है, क्योंकि पत्थर, साधारण वायुमण्डल से भारी होता है एवं वह गुरुत्वाकर्षण शक्ति से आकर्षित होकर नीचे गिरता है। जबकि हाइड्रोजन गैसे से भरा बैलून हाथ से छूटने पर ऊपर उड़ता है, क्योंकि हाईड्रोजन गैस से भरा बैलून साधारण वायुमण्डल से 14वां भाग हल्का होता है। एक बैलून का वजन सामान्य वायुमण्डल के समान होगा तो वह बैलून हाथ से छूटने पर ऊपर या नीचे न जाकर उसी स्थान में रहेगा। यहां एक बैलून विशेष, एक व्यक्ति के माध्यम से गुरुत्वाकर्षण की शक्ति को पराभूत करके आगे बढ़ेगा, तो जहाँ तक गति माध्यम है वहां तक गमन करेगा अर्थात् लोकाग्र के शिखर तक जा पहुंचेगा। इसी प्रकार पाप कर्मों (अशुभ वर्ण, अशुभ स्पर्श, अशुभ गंध, अशुभ रस) के भारी होने के कारण पापी जीव वजनदार हो जाता है, जिससे पापी जीव का पतन होता है। नरक योग्य पाप से प्रथम नरक में, उससे अधिक पाप से दूसरे नरक में इसी प्रकार उत्तरोत्तर पाप की वृद्धि होने से नीचे-नीचे सप्तम नरक तक पतित होता है। इसी प्रकार पुण्य परमाणु (शुभ स्पर्श, शुभ रस, शुभ गंध, शुभ वर्ण) हल्का होने से पुण्य सहित जीव विश्व के ऊपर की ओर गमन करता है। स्वर्ग के योग्य जीव सामान्य पुण्य से प्रथम स्वर्ग में उत्पन्न होता है। उसी प्रकार उत्तरोत्तर पुण्य की वृद्धि से सर्वार्थसिद्धि तक में उत्पन्न होता है। पुण्य-पाप से जब जीव आध्यात्मिक प्रक्रिया से सर्वथा भिन्न हो जाता है, तब वह जीव सम्पूर्ण बंधन को तोड़कर सीधी ऊर्ध्वगति से गति
SR No.538072
Book TitleAnekant 2019 Book 72 Ank 07 to 09
Original Sutra AuthorN/A
AuthorJaikumar Jain
PublisherVeer Seva Mandir Trust
Publication Year2019
Total Pages100
LanguageHindi
ClassificationMagazine, India_Anekant, & India
File Size2 MB
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