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ANEKANTA - ISSN 0974-8768
विषयानुक्रमणिका
विषय
लेखक का नाम पृष्ठ संख्या 1. संपादकीय
-डॉ. जयकुमार जैन 5-7 2. युगवीर-गुणाख्यान (उपवास)
8-12 3. आधुनिक जीवन में कर्म-सिद्धान्त -डॉ. कमलेशकुमारजैन 13-19
की प्रासंगिकता 4. संवर और निर्जरा अनुप्रेक्षाओं का -डॉ. श्रेयांस कुमार जैन 20-28
शास्त्रीय चिन्तन 5. आत्मसाक्षात्कार में कायोत्सर्ग -डॉ. योगेश कुमार जैन 29-36
का महत्त्व 6. Substance Independency -Dr. Dileep Dhing 37-46
(वस्तु स्वातन्त्र्य) in Samayasara 7. देवदर्शन का महत्त्व
-डॉ. जयकुमार जैन 47-51 8. मेवाड़ के जिनालयों में सामाजिक -डॉ. मीना बया 52-57
पक्ष 9. जैन धर्म में वर्णित कल्की एवं -डॉ. अनिलकुमार जैन 58-66
उपकल्की की अवधारणा 10. आचार्य श्री विद्यासागर विरचित -डॉ. बाहुबलि कु. जैन 67-79
चैतन्य चन्द्रोदय में सर्वज्ञ विचार 11. जैन धर्म आधुनिक विज्ञान -डॉ. अनिलकुमार जैन 80-95 __ के सन्दर्भ में 12. विख्यात जैन कवि कैलाश -डॉ. आलोककुमारजैन 95-96
मड़बैया पद्मश्री से अलंकृत