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अनेकान्त 72/3, जुलाई-सितम्बर, 2019
4. यावज्जीवेत् सुखं जीवेद् ऋणं कृत्वा घृतं पिबेत्। ___ भस्मीभूतस्य देहस्य, पुनरागमनं कुतः।। 5. तत्त्वार्थसूत्र 6/1 6. प्रवचनसार, गाथा 7 7. छहढाला 5/7
-पूर्व प्रोफेसर एवं विभागाध्यक्ष,
___ जैन-बौद्धदर्शन विभाग, N-13/23, E-13A सराय सुरजन, उमानाथ अखाड़ा, पोस्ट- बजरडीहा,
वाराणसी (उ.प्र.) 221106
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