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________________ अनेकान्त 68/3, जुलाई-सितम्बर, 2015 (२) श्रमण संस्कृति प्रज्ञ- प्रो. भागचन्द्र 'भास्कर' गौरव ग्रन्थ ( प्रथम खण्ड ) 93 प्रधान संपादक- प्रो. राधा बल्लभ त्रिपाठी, प्रकाशक- श्री भा० दिगम्बर जैन (तीर्थ संरक्षिणी) महासभा - नई दिल्ली, संपादक मण्डलडॉ. प्रेमचन्द जैन, डॉ. पुष्पलता जैन नागपुर एवं डॉ. नरेन्द्र कुमार जैन, गाजियाबाद, प्रबन्ध संपादक - पवन कुमार जैन, नई दिल्ली। मूल्य : 1500रु. कुल पृष्ठ संख्या - 550, मुद्रक - आनंद कुमार जैन, दी महावीर प्रेस- भेलूपुर, वाराणसी (उ.प्र.), षष्ठ खण्डों में विभाजित - प्रथम खण्ड में आत्मकथ्य एवं प्रशस्ति द्वितीय खण्ड में - आचार्यों ( 15 ) के शुभाशीर्वचन तथा लगभग 18 मूर्धन्य विद्वानों, साहित्यकारों जैन पत्रकारों एवं कवियों की शुभकामनाएं। तृतीय खण्ड- सृजन, साक्ष्य जैन वाङ्मय के अंतर्गत भास्कर जी के द्वारा सृजित ग्रन्थों के सार संक्षेप एवं शोधालेख जिनकी संख्या लगभग 68 है। चतुर्थ खण्ड- सृजन साक्ष्य - बौद्ध वाङ्मय - बौद्ध दर्शन के अधीति मनीषी डॉ. भास्कर द्वारा सृजित ग्रन्थों के लगभग 31 शोधालेख। पंचम खण्ड- सृजन साक्ष्य स्वरचित संस्कृत प्राकृत - हिन्दी काव्य, षष्ठ खण्ड- प्रो. भास्कर जी के कतिपय चिंतनपरक आलेख ( संख्या 25 ) समाहित है। शोधार्थियों के लिए सन्दर्भित ग्रन्थ है । सम्पूर्ण गौरव-ग्रन्थ डॉ. भास्कर के द्वारा सृजित शताधिक ग्रन्थों की समीक्षा, संक्षिप्त परिचय एवं शोधालेखों का समुच्चय है। ग्रन्थ- अत्यन्त महत्वपूर्ण पठनीय एवं विश्वविद्यालयों के पुस्तकालयों के लिए उपयोगी है। लगभग 20 पृष्ठों का आर्ट पेपर पर कलरफुल चित्रों की झलकियाँ, जो पारिवारिक तथा सम्मानित पुरस्कारों एवं देश विदेशों में सहभागिता करते हुए संगोष्ठियों के हैं। समीक्षाकार- प्रा. पं. निहालचंद जैन, निदेशक, वीर सेवा मंदिर, नई दिल्ली
SR No.538068
Book TitleAnekant 2015 Book 68 Ank 01 to 04
Original Sutra AuthorN/A
AuthorJaikumar Jain
PublisherVeer Seva Mandir Trust
Publication Year2015
Total Pages384
LanguageHindi
ClassificationMagazine, India_Anekant, & India
File Size1 MB
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