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________________ अनेकान्त 68/3, जुलाई-सितम्बर, 2015 अभिनंदन प्राचार्य निहालचंद जैन- निदेशक वीर सेवा मंदिर सम्मानित हुए 91 (१) अहिंसा इन्टरनेशनल श्री जिनेन्द्रवर्णी जैनधर्म प्रचार-प्रसार पुरस्कार २०१४ (२) श्री श्यामसुन्दरलाल शास्त्री श्रुतप्रभावक न्यास-रईधू पुरस्कार वर्ष २०१५ नई दिल्ली। कुन्द कुन्द भारती में दि. 8 मार्च, 2015 को श्वेतपिच्छाचार्य श्री विद्यानंद जी मुनिराज के सान्निध्य में अहिंसा इन्टरेनशनल पुरस्कार २०१४ भव्य समारोह में पं. निहालचंद जैन को अहिंसा इंटरनेशनल श्री जिनेन्द्रवर्णी जैनधर्म प्रचार-प्रसार पुरस्कार प्रदत्त किया गया। इसी प्रकार दूसरा पुरस्कार “श्री श्यामसुन्दरलाल शास्त्री श्रुतप्रभावक न्यास - रईधू पुरस्कार - वर्ष २०१५", महावीर जयंती के सुअवसर पर फिरोजाबाद (उ.प्र.) जैन मेला में 3 अप्रैल को प्रदत्त किया गया। उल्लेखनीय है कि पं. निहालचंद जैन, जैनदर्शन की वैज्ञानिकता के सुप्रतिष्ठित लेखक और प्रवचनकार हैं। आपने अभी तक 18 पुस्तकों का सृजन व संपादन किया है, जिसमें कई पुस्तकें पुरस्कृत भी हैं। शताधिक विद्वत्संगोष्ठियों में सहभागिता और संयोजन कर जैनधर्म के प्रचार-प्रसार में बहुमूल्य योगदान दिया है। वर्तमान में आप- वीर सेवा मंदिर शोध संस्थान दरियागंज नई दिल्ली के निदेशक के रूप में जैन साहित्य के शोधार्थियों और नवोदित विद्वानों को मार्गदर्शन प्रदान कर रहे हैं। इसके पूर्व भी आप अनेक पुरस्कारों से सम्मानित हो चुके हैं। वीर सेवा मंदिर के अध्यक्ष एवं सभी पदाधिकारियों की ओर से हार्दिक बधाई एवं आपके स्वस्थ व दीर्घायु की मंगल कामना करते हैं। वी. के. जैन, महामंत्री वीर सेवा मंदिर, नई दिल्ली-2
SR No.538068
Book TitleAnekant 2015 Book 68 Ank 01 to 04
Original Sutra AuthorN/A
AuthorJaikumar Jain
PublisherVeer Seva Mandir Trust
Publication Year2015
Total Pages384
LanguageHindi
ClassificationMagazine, India_Anekant, & India
File Size1 MB
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