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________________ अनेकान्त 68/2, अप्रैल-जून, 2015 अचौर्याणुव्रत का पालक चोरी सम्बन्धी अपराध एवं दोषों में प्रवृत्ति से बच सकेगा और फलतः उसे तज्जन्य दण्ड से मुक्ति मिल सकेगी। करचोरी से बचाव के लिए कतिपय सुझाव : (1) कर देने एवं विवरणी भरने की प्रक्रिया सरलतम हो। (2) कर लगाने की प्रक्रिया भारतीय विधानों के अनुकूल हो। करमुक्त राशि महगाई के अनुपात में हो। महगाई 100प्रतिशत से अधिक बढ़ जाने पर भी आयकर की सीमा मात्र 25प्रतिशत बढ़ाई गई है। (3) सभी प्रकार के उपकर समाप्त हों ताकि सामान्य आयकर दाता को परिगणन के लिए वकीलों के चक्कर न काटना पड़े। (4) व्यापार कर में दोहरी प्रणाली (केन्द्रीय कर, राज्यकर, स्थानीय कर, उपकर आदि) समाप्त की जाये। (5) राजकीय खर्चे बचाकर कर को आसानी से देने योग्य बनाया जा सकता है। (6) करचोरी को प्रोत्साहन देने वाली 80-जी आदि धाराओं में छूट के प्रावधान पर पुनर्विचार किया जाये। संदर्भ : 1. कौटिल्य अर्थशास्त्र, 6/1 2. याज्ञवल्क्य स्मृति, 1/353, नारदस्मृति-5 3. शुक्रनीति, 1/61-62 4. नीतिवाक्यामृत, 5/ 2 5. वही, 2/1-2 6. वही, 9/7 7. वही, 21/5 8. वही, 21/1 9. ऋग्वेद, 7/6 10. मनुस्मृति, 7/80 11. नीतिवाक्यामृत, 11/14 12. वही, 16/18 13. वही,16/13 14. वही, 9/5 15. महाभारत, शान्तिपर्व 71/20 16. वही, 87/13-14 17. मनुस्मृति, 7/129-131 18. विष्णुधर्मसूत्र, 3/29-131 19. पार्श्वनाथचरित, 1/66 20. वही, 1/67 एवं 2/113 21. क्षत्रचूडामणि, 11/5 22. वही, 3/11 23. नियमसार, गाथा 58 24. रत्नकरण्डश्रावकाचार, श्लोक 57 25. पुरुषार्थसिद्धयुपाय, 102-103 26. द्रष्टव्य- कार्तिकेयानुप्रेक्षा, 34-35, उपासकाध्ययन, 249-358, चारित्रसार, अमितगतिश्रावकाचार, 59-63, सागारधर्मामृत 4/50, प्रश्नोत्तरश्रावकाचार चतुर्दश परिच्छेद, गुणभूषणश्रावकाचार, 3/27, लाटीसंहिता, 5/29-36, उमास्वामीश्रावकाचार, 357-366, पूज्यपादश्रावकाचार 23, व्रतोद्योतनश्रावकाचार 94, कुन्दकुन्दश्रावकाचार 406 आदि।
SR No.538068
Book TitleAnekant 2015 Book 68 Ank 01 to 04
Original Sutra AuthorN/A
AuthorJaikumar Jain
PublisherVeer Seva Mandir Trust
Publication Year2015
Total Pages384
LanguageHindi
ClassificationMagazine, India_Anekant, & India
File Size1 MB
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