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________________ अनेकान्त 68/2, अप्रैल-जून, 2015 किया जा सके। आचार्य सोमदेव ने सभी प्रकार के अपराधों (आर्थिक भी) के लिए दण्ड का भी विधान किया है। उनके अनुसार अपराधी को अपराध की प्रकृति के अनुसार दण्ड देना आवश्यक है। वे कहते हैं कि यदि दण्ड की उचित व्यवस्था नहीं होगी तो राजा में मात्स्यन्याय का सृजन हो जायेगा। अर्थात् जैसे बड़ी मछली छोटी मछली को निगल जाती है, उसी प्रकार से बड़े या धनाढ्य लोग छोटे या निर्धन लोगों को कष्ट पहुँचाने लगेंगे। राज्य का कार्य यदि प्रजा की सुरक्षा एवं आर्थिक समृद्धि करना है तो प्रजा का कार्य भी समीचीन कर देकर राज्य की स्थिति को सुदृढ़ता प्रदान करना है। किसी भी देश का समृद्धिशाली होना वहाँ के कोश पर निर्भर है। राज्य के दो ही आधार स्तम्भ होते हैं- कोश एवं सैन्यबल। नीतिवाक्यामृत में कोश को राजाओं का प्राण कहा गया है। आचार्य सोमदेव ने कोश को परिभाषित करते हुए कहा है कि जो संकट के समय में सैन्य को सुसंगठित करने के लिए धन को बढ़ाता है, उसे कोश कहा जाता है। कोश की पूर्ति के लिए कर, दण्ड के रूप में प्राप्त धन एवं राज्य के आय के अन्य अनेक साधन होते हैं। इनमें कराधान राज्य की आय का प्रमुख साधन है। अतः राजा प्रजा पर उसे पीड़ित न करता हुआ उसी के अनुरंजनार्थ विविध करो का विधान करता है तथा करवचन करने वालों का तरह तरह के यथायोग्य दण्ड का भी विधान करता है। __ऋग्वेद में कर के लिए बलि शब्द और करदाता के लिए बलिदृत शब्द का प्रयोग हुआ है, जो यह स्पष्ट करने में समर्थ है कि प्राचीन काल से ही कर की परम्परा विद्यमान रही है। मनुस्मृति में भी कर के लिए बलि शब्द का प्रयोग किया गया है। आचार्य सोमदेव कोश की वृद्धि के लिए उपाय बतलाते हुए कहते हैं कि निम्नलिखित से कर लिया जाना चाहिए1. धर्मानुष्ठान एवं यज्ञादि करने बाद अवशिष्ट धनराशि पर ब्राह्मण से 2. परिवार के पालन-पोषण के पश्चात् शेष धनराशि पर व्यापारी से 3. अत्यन्त धनवान् व्यक्ति से 4. नि:सन्तान व्यक्ति से 5. विधवाओं के समूह से 6. कापालिकों से __ नीतिवाक्यमृतकार के अनुसार जो सम्पत्तिशाली व्यक्ति है, उनकी सम्पत्ति का विभाजन करके निर्वाह योग्य धन से शेष धन पर राजा निवेदन
SR No.538068
Book TitleAnekant 2015 Book 68 Ank 01 to 04
Original Sutra AuthorN/A
AuthorJaikumar Jain
PublisherVeer Seva Mandir Trust
Publication Year2015
Total Pages384
LanguageHindi
ClassificationMagazine, India_Anekant, & India
File Size1 MB
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