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________________ अनेकान्त 67/3, जुलाई-सितम्बर 2014 आकाश एक ही है। जीव पुद्गल अनेक हैं, और अन्य भी द्रव्य एक एक हैं और निष्क्रिय भी है। गुण : 45 द्रव्य का आश्रय द्रव्य के आश्रय से रहने वाले गुणों से रहित गुण होते हैं। ये द्रव्य का भेद बताने वाले धर्म हैं। गुण ही द्रव्य को द्रव्यान्तर से पृथक् करने वाले हैं। सामान्य अन्वय और उत्सर्ग ये गुण वाचक शब्द हैं।RR गुण ही द्रव्य की पहचान कराने वाले होते हैं, जैसा कि आचार्य जयसेन कहते हैं लेकर और पर के आश्रय के बिना प्रवर्तमान होने से जिनके द्वारा द्रव्य लिंगित (चिह्नित) होता है। पहचाना जा सकता है, ऐसे लिंग गुण हैं ये द्रव्य में व्याप्त होकर पर्यायों के साथ रहने वाले हैं। इसी बात को बताते हुए आचार्य गुणभूषण कहते है- जो सम्पूर्ण द्रव्य में व्याप्त होकर रहते हैं और समस्त पर्यायों के साथ रहने वाले हैं, उन्हें गुण कहते हैं। वे अस्तित्व, वस्तुत्व, रूप, रस, गन्ध स्पर्शादि हैं।* गुणों का आकार कैसा है ? इस विषय में आचार्य सकलकीर्ति ने कहा है कि द्रव्य के आकार से रहना गुणों का संस्थान है अथवा कृष्ण, नील, शुक्ल आदि स्वरूप जो गुण है, उन रूप से रहना गुणों का संस्थान है। गुण वस्तु के स्वभाव में उपादान रूप से सदैव समान रहते हैं । ५ अर्थात् वस्तु या द्रव्य में सदैव रहने के कारण सहभावी होते हैं। ये सहभाव गुण सामान्य तथा विशेष के भेद से दो प्रकार के होते हैं। जीव-अजीव, जड़-चेतन सभी सत्ताभूत वस्तुओं में सामान्यरूप से रहने वाले गुणों को सामान्य या साधारण गुण कहा जाता है, जैसे कि सत् आदि गुण प्रमाण सिद्ध हैं। उस ही विवक्षित वस्तु में जो भाव हो, तथा वह वही है, इस प्रकार का ज्ञान कराने वाले गुण विशेष है। जैसे द्रव्य के प्रतिनियत ज्ञानादि गुण ।२७ सामान्य गुणों की संख्या आचार्य देवसेन ने दस बललायी है, जिनके नाम इस प्रकार हैं- अस्तित्व, वस्तुत्व, द्रव्यत्व, प्रमेयत्व, अगुरुलघुत्व, प्रदेशत्व, चेतनत्व, अचेतनत्व मूर्तत्व, अमूर्तत्व" । इनमें से प्रत्येक रूप में आठ गुण अवश्य पाये जाते हैं। जीव में चेतनत्व और अमूर्तत्व । पुद्गल द्रव्य में मूर्तत्व और अचेतनत्व गुणों की भिन्नता है। धर्म, अधर्म, आकाश तथा काल में अचेतनत्व और अमूर्तत्व गुण पाये जाते हैं। शेष गुण सभी में समान होते हैं।
SR No.538067
Book TitleAnekant 2014 Book 67 Ank 01 to 04
Original Sutra AuthorN/A
AuthorJaikumar Jain
PublisherVeer Seva Mandir Trust
Publication Year2014
Total Pages384
LanguageHindi
ClassificationMagazine, India_Anekant, & India
File Size1 MB
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