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________________ अनेकान्त 67/2, अप्रैल-जून 2014 विषयानुक्रमणिका विषय लेखक का नाम पृष्ठ संख्या आध्यात्मिक भजन 03 05-12 १. वर्तमान में श्रमणचर्या की विसंगतियाँ एवं निदान (सम्पादकीय लेख) - डॉ. जयकुमार जैन २. आप्तमीमांसाभाष्यम् : भु अकलङ्कदेव की एक महत्त्वपूर्ण कृति - डॉ. गोकुलचन्द्र जैन ३. भारतीय कला जगत में भित्ति चित्रण और लघु चित्रण की भूमिका - अस्मिता चौधरी 13-15 16-20 - Prof. Prakash C. Jain 21-27 4. Jains' Contribution to Indian Culture and Society 5- प्रथम तीर्थकर ऋषभदेव एवं __ अर्धमागधी भाषा : एक अध्ययन ६. सल्लेखना, समाधिमरण व भगवती ९. आराधना के तत्संबन्धित ............. ७. लब्धि स्वरूप एवं विश्लेषण - पद्म मुनि 28-33 - डॉ. वृषभ प्रसाद जैन - डॉ. निर्मला जैन 34-42 43-47 48-53 54-79 80-88 8. पुरुषार्थसिद्धि का स्वरूप और उपाय - प्रा. निहालचंद जैन ९. आचार्य समंतभद्र का आप्तमीमांसा - प्रो. श्रीयांसकुमार सिंघई १०आचार्य समन्तभद्र का सर्वोदय तीर्थ - डॉ. सुशील जैन, मैनपुरी ११. श्रद्धांजलि- श्रीमती दर्शनमाला जैन १२. बधाई/अभिनंदन : डॉ. जयकुमार जैन १३. प्रतिवेदन - व्याख्यानमाला 89 90 91-93 १४. पुस्तक समीक्षा एवं पाठकों के पत्र 94-96
SR No.538067
Book TitleAnekant 2014 Book 67 Ank 01 to 04
Original Sutra AuthorN/A
AuthorJaikumar Jain
PublisherVeer Seva Mandir Trust
Publication Year2014
Total Pages384
LanguageHindi
ClassificationMagazine, India_Anekant, & India
File Size1 MB
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