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________________ अनेकान्त 63/2, अप्रैल-जून 2010 इस प्रकार आचार्य देवसेन ने आलापपद्धति और नयचक्र में विभिन्न नयों एवं उपनयों का विवेचन कर उनकी उपयोगिता प्रदर्शित की है। तत्त्वजान की यथार्थवता प्रमाण और नय के यथार्थ बोध से ही सम्भव है। संदर्भ1. न्यायाचार्य महेन्द्र कुमार जैन दर्शन पृष्ठ 27 प्रकाशन, गणेशप्रसाद वर्णी जैन ग्रंथकार वाराणसी द्वितीय संस्करण 1966 2. आचार्य देवेन्द्र मुनि जैनदर्शन स्वरूप और विश्लेषण पृष्ठ 3, प्रकाशन-तारकगुरू जैन ग्रंथालय उदयपुर 1996 3. जैन दर्शन पृष्ठ 28 4. डा. महेन्द्र कुमार जैन न्यायाचार्य स्मृति ग्रंथ पृ. 4 5. धवला पुस्तक -6 पृ. 38 प्रकाशन, सोलापुर 6. चन्द्रप्रभु चरित्र 18/124 7. भगवती आराधना विजयोदय-टीका पृ. 16 8. द्रव्यसंग्रह गाथा 2 9. सन्मति सूत्र 2/1 10. ललित विस्तार पृ. 63 देखे जैन लक्षणावली पृ. 509 11. धवला पुस्तक 1 पृ. 383 12. आचार्य कुन्दकुन्द- सूत्रपाहुड गाथा 1 13. आचार्य देवसेन- दर्शनसार गाथा 2 14. णाणं होदि पमाणं, णओ वि णादुस्स हिदय-भावत्थो गाथा 83, आचार्य यति वृषभ प्रणीत तिलोयपण्णत्ति 1/83, सं. तृतीय सन् 1997, प्र- चन्द्रप्रभु दि. जैन अतिशय क्षेत्र-तिजारा 15. आचार्य देवसेन- आलापपद्धति- ज्ञातुभिप्रायो वा नयः (सूत्र 181) 16. वही सूत्र 39 17. आचार्य वीरसेन- धवला पु. 1 पृ. 83 18. आचार्य पूज्यपाद सवार्थसिद्धि 1/33 19. आचार्य जिनसेन- हरिवंशपुराण 58/39 20. नयचक्र गाथा नं. 2/3 आचार्य देवसेन प्रका, साहित्याचार्य डॉ. पं. पन्नालाल जैन ग्रंथमाला श्री वर्णी दिग. जैन गुरूकुल, पिसनहारी मढ़िया, जबलपुर 21. नयचक्र आचार्य देवसेन गाथा-10 22. लघुनयचक्र आचार्य देवसेन गाथान, 11 पृ. 8 23. न्यायकुमुदचन्द्र गाथा नं. 66-67 आचार्य प्रभाचन्द्र 24. वर्णी जिनेन्द्र नय दर्पण पृ.-135 प्रकाशन, जिनेन्द्र वर्णी ग्रंथमाला भेलूपुर वाराणसी 1984 25. धवला पुस्तक- 1, पृष्ठ 83 26. वही पुस्तक 9 पृ. 162, 163 27. न्यायावतार 29 28. कार्तिकेयानुप्रेक्षा गाथा 263 पृ. 188 प्रकाशन, श्री परमश्रुत प्रभावक मंडल, श्रीमद राजचन्द्र आश्रम आगास 1997 29. आचार्य देवसेन लघुनयचक्र गाथा-2
SR No.538063
Book TitleAnekant 2010 Book 63 Ank 01 to 04
Original Sutra AuthorN/A
AuthorJaikumar Jain
PublisherVeer Seva Mandir Trust
Publication Year2010
Total Pages384
LanguageHindi
ClassificationMagazine, India_Anekant, & India
File Size1 MB
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