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________________ अनेकान्त 63/2, अप्रैल-जून 2010 निश्चय नय के दो भेद है शुद्ध निश्चयनय व अशुद्ध निश्चयनय। शुद्ध निश्चय की अपेक्षा जीव के न बन्ध है न मोक्ष है और न गुणस्थान आदि है। शुद्ध निश्चय नय की अपेक्षा बंध है ही नहीं, इसी प्रकार शुद्ध निश्चय की अपेक्षा बंधपूर्वक मोक्ष भी नहीं है यदि शुद्ध निश्चय की अपेक्षा बंध होवे तो सदा ही बंध होता रहे मोक्ष न हो। इस प्रकार शुद्ध निश्चय नय अभेद है एवं जो नय कर्मजनित विकार सहित गुण और गुणी को अभेद रूप से ग्रहण करता है वह अशुद्ध निश्चय नय है जैसे मतिज्ञानादि स्वरूप जीवा व्यवहार नय दो प्रकार का है सद्भूत व्यवहार नय और असद्भूत व्यवहार नय। एक वस्तु को विषय करने वाला सद्भूत व्यवहार नय है और भिन्न वस्तुओं को विषय करने वाला असद्भूत व्यवहार नय सद्भूत व्यवहार नय दो प्रकार का है उपचरित और अनुपचरित। कर्मजनित विकार सहित गुण और गुणी भेद को विषय करने वाला उपचरित सद्भूत व्यवहार नय है। जैसे- जीव के मतिज्ञानादि गुण। उपाधिरहित जीव में गुण और गुणी के भेदरूप विषय को ग्रहण करने वाला अनुपचरित सद्भूत व्यवहार है। जैसे जीव के केवलज्ञानादि गुण। उपचरित और अनुपचरित के भेद से असद्भूत व्यवहार नय भी दो प्रकार के हैं। उनमें से संश्लेष संबंध रहित, ऐसी भिन्न वस्तुओं का परस्पर में संबंध ग्रहण करना उपचरित सदभूत व्यवहार नय का विषय है जैसे- देवदत्त का धन। संश्लेष सहित वस्तु को विषय करने वाला अनुपचरितासद्भूत व्यवहार नय है, जैसे जीव का शरीर इत्यादि। जीव और शरीर का संबंध संश्लेष संबंध है जीव जिस शरीर को धारण करता है, संकोच या विस्तार होकर आत्म प्रदेश उस शरीर प्रमाण आकार रूप हो जाते हैं जैसा कि द्रव्य संग्रह में कहा है- संकोच तथा विस्तार से यह जीव अपने छोटे और बड़े शरीर के प्रमाण रहता है। शरीर, वचन, मन और प्राणापान-यह पुद्गलों का उपकार है ऐसा आचार्य उमास्वामी ने कहा है शरीरवाड्:मनप्राणापानाः पुदगलानाम् शरीर, वचन और मन की क्रिया का योग है और वह आस्रव है। इस प्रकार अनुपचरित असद्भूतव्यवहारनय की अपेक्षा जीव और शरीर का संश्लेष संबंध है यदि यह संश्लेष संबंध या जीव और शरीर का संबंध न माना जाये तो शरीर के वध से हिंसा के अभाव का प्रसंग आ जायेगा।
SR No.538063
Book TitleAnekant 2010 Book 63 Ank 01 to 04
Original Sutra AuthorN/A
AuthorJaikumar Jain
PublisherVeer Seva Mandir Trust
Publication Year2010
Total Pages384
LanguageHindi
ClassificationMagazine, India_Anekant, & India
File Size1 MB
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