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अनेकान्त 62/3, जुलाई सितम्बर 2009
सन्दर्भ :
1. उभयनयायत्ता पारमेश्वरी तीर्थप्रवर्तन पंचास्तिकाय / तत्वदीपिका गाथा 159
2.
पुरुषार्थसिद्ध्युपाय श्लोक 4
3
3.
तत्त्वार्थवर्तिक 1/33 ,
4.
लघीयस्त्रय कारिका,
आलाप पद्धति, 204
वही, 205
पुरुषार्थ सिद्ध्युपाय, श्लोक 5
5.
6.
7.
8.
9.
10. आचार्य कुन्दकुन्द समयसार 32
11. समयसार की आचार्य ज्ञानसागर कृत हिन्दी टीका, पृ. 295
12. अनगारधर्मामृत, 1/102
13. अनगारधर्मामृत, 199
14. वही, 1/100
समयसार गाथा 8
पं बंशीधर व्याकरणाचार्य, 'जैन शासन में निश्चय और व्यवहार' प्रस्तावना, पृ. 33
9
15. गाथा, 46
16. समयसार - हिन्दी टीका आचार्य ज्ञानसागर, पृ० 5
17. वही, पृ० 59
18.
19. वही, गाथा 149
समयसार, गाथा 150
समयसार कलश, 69 वही, 70
20.
21.
22. पुरुषार्थसिद्ध्युपाय, श्लोक 8
9
27
रीडर जैन-बौद्धदर्शन विभाग संस्कृत विद्या धर्म विज्ञान संकाय काशी हिन्दू विश्वविद्यालय, वाराणसी-5