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अनेकान्त 61/ 1-2-3-4
अनेकानेक शक्तियाँ या योग्यताएँ सम्भव हैं, जिन्हें 'पर्याय - शक्ति' या 'पर्याय- योग्यता' कहा जाता है। जैसे यद्यपि प्रत्येक पुद्गल परमाणु में घट, पट आदि सभी कुछ (पौद्गलिक) पदार्थरूप बनने की द्रव्ययोग्यता है किन्तु यदि कोई परमाणु वर्तमान में मिट्टी के पिण्ड में शामिल है, मृत्पिण्डरूपी स्कन्ध का एक अंश है, तो वह घटरूप ही परिणमन कर सकता है, पटरूप नहीं; अतः उसमें घट होने की तो पर्याययोग्यता है, परन्तु पट होने की पर्याययोग्यता का अभाव है। इसी प्रकार कोई अन्य परमाणु जो वर्तमान में कपासरूपी स्कन्ध का एक अवयव है, उसमें पटरूप होने की तो पर्याययोग्यता है, घटरूप होने की नहीं है । 17
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एक समय में अनेकानेक पर्याययोग्यताओं का सद्भाव मिट्टी के पिण्ड वाला परमाणु वर्तमान में केवल घटरूप होने की योग्यता ही रखता हो, ऐसा नहीं है। उसमें सुराही, सकोरा, तौला, कुल्हड़ इत्यादि अन्य अनेक परिणमनों की संभावना मौजूद है, अर्थात् ये सब पर्याययोग्यताएँ उसमें विद्यमान हैं। अब कुम्हार की इच्छा, प्रयत्न और चक्र, दण्ड आदि जैसी बाह्य सामग्री मिलती है, तदनुसार अमुक पर्याय प्रकट हो जाती है। इतना ही नहीं, वही मिट्टी यदि कुम्हार द्वारा न लाई जाती और खेत में ही पड़ी रहती, तो वह विवक्षित परमाणु किसी पौधे के रूप में भी परिणम सकता था । इसी प्रकार कपास वाले परमाणु में सूत, डोरा, गद्दा, चादर आदि अनेक रूप परिणमन करने की योग्यताएँ अर्थात् पर्याययोग्यताएँ विद्यमान हैं।
ऊपर दिये गए दोनों उदाहरण तो जड़ पदार्थ सम्बन्धी थे; अब हम पुनः अपने प्रकृत विषय अर्थात् चेतन पदार्थ के बारे में विचार करते हैं । प्रत्येक जीव में उपर्युक्त असंख्यात लोकप्रमाण द्रव्ययोग्यताएँ होते हुए भी वर्तमान स्थूल / व्यंजन पर्याय में (जैसे कि हमारी मनुष्य पर्याय में) कोई भी जीव उस राशि के एक अंशमात्र परिणाम करने में ही समर्थ है। 48 ध्यान देने योग्य है कि एक लोकप्रमाणराशि का भी अर्थ है सम्पूर्ण लोकाकाश की प्रदेश - संख्या जो कि असंख्याता संख्यात होती है। अब यह जीव इतनी अधिक सम्भावनाओं में से कौन सी पर्याय वर्तमान में प्रकट करता है, यह इस बात पर निर्भर करता है कि यह अपने उपयोग में किस पदार्थ का अवलम्बन अपनी रुचि / रुझान के अनुसार किस प्रयोजन से लेता है।
उदाहरण के लिये, कोई मनुष्य घर में बैठा हुआ है; खाली बैठे हुए भी वह किसी-न-किसी पदार्थ के बारे में सोचता रहता है; कुछ-न-कुछ उधेड़-बुन अवश्य किया करता है । यदि वह अख़बार पढ़ता है या टेलिविज़न देखने