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अनेकान्त 61/1-2-3-4
3. मूलाचार भाषा वचनिका, पं. नन्दलाल छाबड़ा, संपा. डॉ. फूलचन्द जैन एवं डॉ. मुन्नीपुष्पा ___जैन, प्रका. भा. अनेकान्त विद्वत्परिषद् 4. 'आर्यिका, आर्यिका हैं; मुनि नहीं' - पं० रतनलाल बैनाड़ा, प्रका. ज्ञानोदय प्रकाशन, जबलपुर
जैनदर्शन विभाग श्री लालबहादुर शास्त्री राष्ट्रीय संस्कृत विद्यापीठ
नई दिल्ली - 110016