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अनेकान्त 61-1-2-3-4
ज्येष्ठ भ्राता, कालान्तर में मुनिराज श्री वर्धमान सागर जी महाराज, के पास आकर अनेक पक्षी चुपचाप बैठ जाते थे । चिड़िया भी उनसे नहीं डरती थी। मैंने देखा कि कभी-कभी चिड़िया उनके सिर पर, कंधे पर बैठ जाती थी। मैंने इसका कारण पूछा? महाराज ने कहा - "पक्षी आते हैं, तुम उसे भगा देते हो, वे बेचारे डरकर भाग जाते हैं । हम उनको नहीं भगाते हैं। किसी को कष्ट क्यों दें? इससे वे बेचारे हमारे पास आते, बैठते हैं, उनको डर नहीं लगता है । "
दिल्ली चातुर्मास
परमपूज्य आचार्य श्री शान्तिसार जी महाराज का भारतवर्ष की राजधानी दिल्ली में प्रवेश सकारण था। प्राचीन काल से ही दिल्ली जैन धर्म का प्रमुख केन्द्र रहा हैं और यहां पर बड़ी संख्या में जैन धर्मायतन विद्यमान हैं। जैन साहित्य के लेखन एवं हस्तलिखित पांडुलिपियों की प्रतियां तैयार करने में दिल्ली का विशेष योगदान रहा है। विदेशी आक्रमणों के कारण अनेक जैन धर्मायतन एवं साहित्य की अमूल्य निधियां नष्ट हो गई हैं। धार्मिक कट्टरता के कारण विगत हजार / नौ सौ वर्षो में दिगम्बर जैन साधुओं का यहां पर विचरण बन्द सा हो गया था । आचार्यश्री के दिल्ली चातुर्मास सन् 1931 में भी यहां पर जैनियों की लगभग बीस हजार की संख्या थी और अनेक कलात्मक दिगम्बर जैन मन्दिर विद्यमान थे। दिगम्बर जैन सन्तों के दिल्ली न पधारने की स्थिति में श्रावक समाज चिन्तित रहता था । आचार्यश्री के दिल्ली पधारने से हर्ष की लहर छा गई। राजधानी के योग्य गौरवपूर्ण जुलूस द्वारा आचार्यश्री एवं संघ के लिए भक्ति प्रकट की गई । आचार्यश्री के यहां पधारने पर अनेक तत्त्वजिज्ञासु अंग्रेज अपनी शंका समाधान के लिए महाराज के निकट आए। आचार्यश्री द्वारा अहिंसा एवं सत्य की व्याख्या सुनकर वह गद्गद् हो उठे । एक डिस्ट्रिक्ट जज महोदय ने मुनि श्री चन्द्रसागर जी से बहुत देर तक सूक्ष्म चर्चा की। अपने सन्देहों का निवारण होने पर वह पूज्यश्री को प्रणाम कर चले गए।
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दिगम्बर मुनियों के दिल्ली आगमन पर यह डर बना हुआ था कि सरकार वस्तुस्थिति की सही जानकारी के अभाव में संघ के विचरण पर पाबन्दी न लगा दे। आचार्य महाराज, संघस्थ मुनिगण और जैनसमाज धर्म पर सम्भावित संकट की अप्रिय स्थिति का सामना करने को तैयार था । वसन्त पंचमी को आचार्य महाराज का केशलोंच देखने के लिए लगभग सारा नगर ही एकत्र हो गया । दिगम्बर जैन साधुओं की तपश्चर्या जन-जन की जिह्वा का विषय बन गई। आचार्यश्री के दिल्ली