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अनेकान्त 59/1-2
गायों पर अनुसंधान करने वाले हनाह शोध संस्थान के डॉ. वाईल्ड तथा उनके अन्य सहयोगी वैज्ञानिक कहते हैं कि दूध दुहना आवश्यक है। यदि नहीं दहते तो स्तन ग्रंथियों के ऊतकों पर हानिकारक प्रभाव पड़ता है। दूध न दुहने से वह शरीर द्वारा पुनः प्रयोग में ले लिया जाता है जिससे कोशिकायें मृत होन लगती हैं और कुछ ही समय बाद स्तन ग्रंथियों काम करना बंद कर देती हैं, जो गाय के लिये घातक है।
गाय का दूध सर्वोत्तम क्यों : ___ गाय का दूध माता के दूध के समान ही होता है। वैज्ञानिक शोधों से ज्ञात हुआ कि गाय के दूध में 87.2 प्रतिशत जल, 3.5 प्रतिशत प्रोटीन, 3.7 प्रतिशत वसा, 4.9 प्रतिशत लेक्टोज, 0.71 प्रतिशत राख, 0.121 प्रतिशत कैल्श्यिम, 0.095 प्रतिशत फास्फोरस होता है एवं 73 किलो कैलोरी ऊर्जा होती है, जबकि माता के दूध में 87.5 प्रतिशत जल, 1.0 प्रतिशत प्रोटीन, 4.4 प्रतिशत वसा, 7.0 प्रतिशत लेक्टोज, 0.27 प्रतिशत राख, 0.35 प्रतिशत कैल्शियम, 0.013 प्रतिशत फास्फोरस एवं 70 किलो कैलोरी ऊर्जा होती है। अतः गाय का दूध माँ के दूध के समान होता है जबकि अन्य मवेशियों का दूध माँ के दूध से मेल कम खाता है इसलिए गाय का दूध मानव के लिए सर्वोत्तम है।
अनादिकाल से दूध का उपयोग मानव करता रहा है, इसके प्रमाण प्राचीन पुराण, ग्रंथों में भरे पड़े हैं अनेक तीर्थकरों ने दीक्षा के बाद दूध चावल की खीर से पारणा की, और नारायण श्रीकृष्ण जैसे महापुरुषों ने दूध दही का सेवन किया। परंतु जिन्हें इतिहास का समीचीन ज्ञान नहीं है, वही कहते हैं कि घी के दीपक की बात तो सुनी है पर दूध पीने की नहीं। ऐसा कहने वालों को पहले इतिहास का ज्ञान प्राप्त करना चाहिये।