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________________ अनेकान्त-58/1-2 103 प्राचीन युग के प्रारम्भ में इस देश में केवल दो धर्म-वैदिक और जैन ही विशेषतः प्रचलित थे, तथा बौद्ध धर्म का उस समय कोई अस्तित्व न था। महाभारत से ठीक पूर्व का समय उत्तरी भारत में पश्चिमोत्तर वैदिक, याज्ञिक अथवा ब्राह्मण संस्कृति के चरमोत्कर्ष का युग था, किन्तु महाभारत के विनाशकारी युद्ध ने समस्त वैदिक राज्यों को परस्पर में लड़ाकर शक्ति एवं श्रीहीन कर दिया। एक प्रबल क्रान्ति हुई, सैकड़ों, सम्भवतः सहस्त्रों वर्षों से दबाई हुई ब्रात्य-सत्ता देश में सर्वत्र सिर उठाने लगी। नवागत वैदिक आर्यो से विजित, दलित, पीड़ित व्रात्य क्षत्रियों की, नाग यक्ष विद्याधर आदि प्राचीन भारतीय जातियों की सत्ता लुप्त नहीं हो गई थी। जनसाधारण, यथा छोटे मोटे राज्यों, गणों और संघों के रूप में वह इधर उधर बिखरी पड़ी थी, इस समय अवसर पाकर उबल उठी, ठीक उसी प्रकार जिस प्रकार कि ईसा की 17वीं 18वीं शताब्दी में अकस्मात मराठों, राजपूतों, सिक्खों, जाटों आदि रूप में भड़क उठने वाली चिर सुषुप्त हिन्दु राष्ट्र शक्ति के सन्मुख भारत व्यापी दीखने वाली महा ऐश्वर्यशाली प्रबल मुस्लिम शक्ति बिखर का ढेर हो गई उसी प्रकार सन् ईस्वी पूर्व दूसरे सहस्राब्द के अन्त में तत्कालीन वैदिक आर्य सत्ता भी नाग आदि प्राचीन भारतीय व्रात्य क्षत्रियों की चिरदलित एवं उपेक्षित शक्ति के पुनस्थान से अस्त-व्यस्त हो गई। और लगभग डेढ़ सहस्र वर्षो तक एक सामान्य गौण सत्ता के रूप में ही रह सकी। उसके उपरान्त, इस बीच में जब वह प्राचीन जातियों में भली भांति सम्मिश्रित होकर, अपने धर्म तथा आचार-विचारों में देश कालानुसार सुधार करके अर्थात् व्रात्य धर्म-विरोधी याज्ञिक हिंसा आदि प्रथाओं का त्याग कर अपनी संस्कृति का नवसंस्कार करने में सफल हो सकी तभी गुप्तराज्य काल में (ईसा की 3री-4थी शताब्दी में) उसका पुनरुद्धार हुआ, किन्तु प्राचीन वैदिक रूप में नहीं, नवीन हिन्दु पौराणिक रूप में। उस पूर्वरूप तथा इस उत्तररूप मे प्रत्यक्ष ही आकाश-पाताल का अन्तर था। जैसा कि ऊपर निर्देश किया गया है, महाभारत युद्ध के पश्चात् ही पश्चिमोत्तर प्रान्त में तक्षशिला तथा पंजाब में 'उरगयन' (उद्यानपुरी) के
SR No.538058
Book TitleAnekant 2005 Book 58 Ank 01 to 04
Original Sutra AuthorN/A
AuthorJaikumar Jain
PublisherVeer Seva Mandir Trust
Publication Year2005
Total Pages286
LanguageHindi
ClassificationMagazine, India_Anekant, & India
File Size9 MB
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