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अनेकान्त-57/304
भी संशोधन किये थे जिससे पशुओ को अधिक कष्ट ना हो। आज भी जैन मन्दिरो में प्रायः कबूतरो को चारा डाला जाता है हमारा उनके प्रति एक विशेष कर्तव्य है। विदेशो में मांसाहारी हैं किन्तु प्रयोगशाला को छोड़कर अन्यत्र पशुओं को यंत्रणा पहुँचाकर नहीं मारा जाता है। पशुओं के ऊपर निर्दयतापूर्ण व्यवहार करने के विरूद्ध कानून बने हुये है। जुर्माना भी किया जाता है तथा जेल जाने तक का दण्ड भी दिया जाता है। अमेरिका में दयाभाव प्रदर्शित करने का प्रयास रेडियो, टी.वी, समाचार पत्र लेखन कार्य आदि से होते हैं अनेको संस्थायें कार्यरत हैं। अमेरिकन रैवरेड डाक्टर हानपेनहालटीस ने तो जीवदया पर एक हजार से अधिक कवितायें लिखी हैं। ___ भारत यह दावा करता है कि वह संसार के सबसे बड़े धर्मो का जनक है। जिसका आधार प्रेम और अहिंसा है। किन्तु जीवदया के प्रेमी जैन और बौद्धधर्म की जन्मभूमि होते हुये भी जीव रक्षा के लिए जो कुछ विदेशो में किया जा रहा है भारत में अभी उसकी छायाँ भी देखने को नहीं मिलती है। बल्कि दिनोदिन वृद्धि हो रही है। हमारा नैतिक दायित्व है कि हम पशुरक्षा हेतु सक्रिय रूप से कार्यरत रहें।
संदर्भ सूची 1. जैन इतिहास के ऐतिहासिक महिला एवं पुरूष, 2. अर्थकथानक-कविवर बनारसीदास 3. आगरानामा, 4. अभिनन्दन ग्रन्थ-श्री सुनहरीलाल जैन
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