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________________ अनेकान्त-57/3-4 इससे स्पष्ट है कि मुनियों को ही आत्मध्यान हो सकता है। चार मंगलों में आचार्य एवं उपाध्याय क्यों नहीं? :- पञ्च परमेष्ठियों में आचार्य, उपाध्याय और साधु की पृथक्-पृथक् वन्दना की गई है, किन्तु चार मंगलों में अरिहन्त, सिद्ध, साधु और केवलिप्रणीत धर्म का कथन किया गया है। यहाँ एक जिज्ञासा होती है कि मंगलों में आचार्य एवं उपाध्याय का पृथक् ग्रहण क्यों नही है। सामान्यतः यह कहा जाता है कि साधु में ही तीनों का ग्रहण हो जाने से आचार्य, उपाध्याय का पृथक् समावेश नहीं है। यह सत्य है कि साधु में आचार्य, उपाध्याय और साधु तीनों आ जाते हैं। पर इसमें एक और रहस्य प्रतीत होता है। आचार्य एवं उपाध्याय पद या उपाधि हैं। इन पदों या उपाधियों के रहते हुए दूसरों का कल्याण या मंगल भले ही हो जावे परन्तु स्वयं का मंगल संभव नहीं है। इसी कारण सल्लेखना काल में पदत्याग का विधान है। कदाचित् चार मंगलों में स्वमंगल रूप न होने से ही आचार्य एवं उपाध्याय का ग्रहण नही किया गया है। गुरुवन्दन :- गुण पूजास्थान माने गये हैं। इसी कारण गुणाधिक की वन्दना का नियम है। साधुओं में परस्पर ज्येष्ठता दीक्षाकाल के आधार पर मानी गई है। वन्दना में विनय की अनिवार्यता होती है किन्तु यह विनय भी मोक्षहेतुक होना चाहिए। लोकानुवृत्तिहेतुक, कामहेतुक, अर्थहेतुक या भयहेतुक विनय आश्रयणीय नही है। वसुनन्दिश्रावकाचार में दर्शनविनय, ज्ञानविनय, चारित्रविनय, तपविनय और उपचारविनय को श्रावक के लिए आवश्यक माना गया है। पञ्चमगति या मोक्षप्राप्ति के लिए पञ्चविध विनय अनिवार्य है। निःशंकित, संवेग आदि के परिपालन को दर्शनविनय कहते हैं। ज्ञान, ज्ञान के उपकरण शास्त्रादि तथा ज्ञानियों के प्रति भक्तिपूर्वक तदनुकूल आचरण का नाम ज्ञानविनय है। चारित्र और चारित्रधारियों की विनय को चारित्रविनय कहते हैं। बालक, वृद्ध आदि के विचार को छोड़कर तपस्वियों की वन्दना तपविनय है। उपचारविनय मन-वचन-काय के भेद से विविध है। मन को खोटे परिणामों से हटाकर शुभ में लगाना मानसिक विनय कही गई है। पण्डित मेधावी ने धर्मसंग्रह श्रावकाचार में मुनियों की चरणवन्दना को नित्य पूजन का ही एक
SR No.538057
Book TitleAnekant 2004 Book 57 Ank 01 to 04
Original Sutra AuthorN/A
AuthorJaikumar Jain
PublisherVeer Seva Mandir Trust
Publication Year2004
Total Pages268
LanguageHindi
ClassificationMagazine, India_Anekant, & India
File Size9 MB
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