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________________ 50 वर्ण्यस्य साम्यमन्येन स्वतः सिद्धेन धर्मतः । भिन्नेन सूर्यभीष्टेन वाच्यं यत्रोपमैकदा ॥' अनेकान्त/54-1 स्वतो भिन्नेन स्वतः सिद्धेन विद्वत्संमतेन अप्रकृतेन सह प्रकृतस्य यत्र धर्मतः सादृश्यं सोपमा। स्वतः सिद्धेनेत्यनेनोत्प्रेक्षानिरासः । अप्रसिद्धस्याप्युत्प्रेक्षायामनुमानत्वघटनात्।। स्वतो भिन्नेनेत्यनेनानन्वयनिरासः । वस्तुन एकस्यैवानन्वये उपमानोपमेयत्वघटनात्। सूर्यभीष्टेनेत्यनेनहीनोपमादिनिरास:।” अर्थात् स्वतः पृथक् तथा स्वतः सिद्ध आचार्यो के द्वारा अभिमत अप्रकृत का एक समय धर्मतः सादृश्य वर्णन करना, उपमालंकार है । इस 'लक्षण में 'स्वतः सिद्धेन' यह विशेषण नहीं दिया जाता तो उत्प्रेक्षा में भी उपमा का लक्षण घटित हो जाता, क्योंकि स्वतः अप्रसिद्ध का भी उत्प्रेक्षा में अनुमान उपमानत्व होता है। इसी प्रकार 'स्वतः स्वतोभिन्नेन' यदि लक्षण में समाविष्ट न किया जाता तो अनन्वय में भी उपमा का लक्षण प्रविष्ट हो जाता, क्योंकि एक ही वस्तु को उपमान और उपमेय रूप से अनन्वय में कहा जात है । यदि उपमा के उक्त लक्षण में 'सूर्यभीष्टेन' पद का समावेश नहीं किया जाता तो हीनोपमा में भी उपमा का उक्त लक्षण प्रविष्ट हो जाता। अत: उपमा के लक्षण में 'सूर्यभीष्टेन' आचार्याभिमत दिया गया है। अजितसेन ने उपमा का यह लक्षण पदसार्थक पूर्वक दिया है। उन्होंने प्रत्येक पद की सार्थकता दिखलाकर अन्य अलंकारों के साथ उसके पृथक्त्व की सिद्धी की है। उनके लक्षण का प्रत्येक पद अन्य अलंकारों पृथक्त्व घटित करता है। उक्त लक्षण में ' धर्मतः ' पद श्लेषालंकार का व्यवच्छेदक है, क्योंकि श्लेष में केवल शब्दों की समता मानी जाती है, गुण और क्रिया की नहीं। स्पष्ट है कि अजितसेन का उक्त लक्षण अव्याप्ति, अतिव्याप्ति और असम्भव तीनों दोषों से रहित है। उपमा की परिभाषा सभी आचार्यो ने दी है किन्तु उनके लक्षण में कुछ अन्तर दिखायी पड़ता है। उपमा के लक्षण में सभी आलंकारिकों ने सादृश्य, साम्य एवं साधर्म्य में से किसी एक शब्द का प्रयोग किया है। भरत, दण्डी, जयदेव, जगन्नाथ तथा विश्वेश्वर पंडित ने सादृश्य का सन्निवेश किया है तो वामन, भामह, विद्यानाथ, विश्वनाथ एवं वाग्भट ने COCO
SR No.538054
Book TitleAnekant 2001 Book 54 Ank 01 to 04
Original Sutra AuthorN/A
AuthorJaikumar Jain
PublisherVeer Seva Mandir Trust
Publication Year2001
Total Pages271
LanguageHindi
ClassificationMagazine, India_Anekant, & India
File Size8 MB
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