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________________ 47 अनेकान्त/53-2 %%%%% %%% % % % %%%%%% %%% ट्रस्ट की सेवाएं ट्रस्ट का कार्यालय मधुवन शिखरजी में भी कार्यरत है। यात्रियों की सुविधार्थ बिहार सरकार का टूरिस्ट गैस्ट हाउस लीज पर ले लिया गया है जिसमें आधुनिक सुविधाओं से युक्त कमरों का उपयोग यात्री कर रहे हैं। बीस पंथी कोठी द्वारा अपने प्रांगण में प्रदत्त स्थान पर ट्रस्ट ने 31 जनवरी, 1999 से नि:शुल्क शुद्ध भोजनालय का शुभारम्भ कर दिया है। इससे यात्रियों को भोजन बनाने के झंझट से राहत मिल गई है। प्रति माह लगभग आठ से दस हजार यात्री दोनों समय इस सुविधा का लाभ उठा रहे हैं। पर्वतराज की वन्दना के मार्ग में सड़क सीढ़ी का निर्माण हो चुका है। इससे पैदल नंगे पांव यात्रा अपेक्षाकृत बहुत सुगम हो गई है। वर्षा से बचाव के लिए मार्ग पर कई छतरियां और बैंचें बनाई गई हैं। मार्ग में पीने के जल का प्रबन्ध है। कई नालों पर पुल बनाए गए हैं। साहू जैन ट्रस्ट के सहयोग से मार्ग में भाताघर का नवीनीकरण हो गया है जिसमें यात्रियों को जलपान दिया जाता है। पारसनाथ की टोंक से 400 मीटर नीचे लीज पर लिए डाक बंगले का जीर्णोद्धार हो चुका है जिसमें सुविधा सम्पन्न आवास और शुद्ध भोजन की समुचित व्यवस्था है। अधिक वन्दना करने वाले यात्री मधुवन वापस न लौटकर इस सुविधा का लाभ उठाते हैं। यहीं रुककर यात्री पारसनाथ की टोंक पर कई दिनों तक 24 घंटे अखण्ड पाठ करके पुण्य लाभ लेते हैं। जल की आपूर्ति हेतु डाक बंगले से एक किलोमीटर पाईप लाईन डालकर डीजल सैट से पानी खींचने का प्रबंध किया गया है। वन्दना के समय गणधर और पारसनाथ की टोंकों पर दिगम्बर जैन पुजारी रहते हैं। यात्री पूजा-प्रक्षाल में उनकी सहायता ले रहे हैं। इन दोनों टोंकों पर भारतवर्षीय दिगम्बर जैन तीर्थक्षेत्र कमेटी की दान पेटी रखी हैं। यात्रियों से अपेक्षा है कि अपना दान उन्हीं पेटियों में डालें। पुजारियों से रसीद प्राप्त कर दान दिया जा सकता है। दान पात्रों में उपलब्ध राशि शिखरजी के लिए ही %% %%%%% %%%% %%% %%%%% %%%%%
SR No.538053
Book TitleAnekant 2000 Book 53 Ank 01 to 04
Original Sutra AuthorN/A
AuthorJaikumar Jain
PublisherVeer Seva Mandir Trust
Publication Year2000
Total Pages231
LanguageHindi
ClassificationMagazine, India_Anekant, & India
File Size8 MB
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