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________________ 48 अनेकान्त/53-2: 5%% %%%%%%% % %%%%%%步 步 खर्च होती है। इन दोनों टोंकों और डाक बंगले पर प्राथमिक चिकित्सा के प्रबन्धों का लाभ भी यात्री उठाते हैं। पर्वतराज के समीप वाले ग्रामों में भीलों के निर्धन बच्चों के लिए स्कूलों का प्रबन्ध किया गया है। ग्रामीण जनता के लिए चिकित्सा सुविधाएं भी जुटाई गई हैं। पर्वतराज पर हमारे साधुओं, त्यागियों के रात्रि विश्राम अथवा यात्रा में रुकने के लिए कानूनी अड़चन समाप्त होते ही धर्मशाला बनाने की योजना है। आपातकाल में पर्वतराज से तलहटी में तुरन्त सम्पर्क करने के लिए टेलीफोन व्यवस्था चालू कराने के लिए प्रयास चल रहे हैं। यात्रियों के साथ लूट-पाट की घटनाओं को रुकवाने के लिए बिहार और केन्द्र सरकार से आवश्यक प्रबन्ध जुटाए गए हैं। बिजली की व्यवस्था सुचारु रखने के लिए अपने जैनरेटर सैट व अन्य व्यवस्थाएं भी की जा रही हैं। मधुवन में यात्रियों की सुविधार्थ शीघ्र ही 100 कमरों की सुविधा सम्पन्न धर्मशाला बनाने की योजना है जिसमें पूरी बस के यात्रियों कि लिए बड़े हाल भी रहेंगे। आपके सुझाव ट्रस्ट की सफलता के संबल बनेंगे। कृपया ट्रस्ट के सदस्य अवश्य बनें और अपने मित्रों को भी ट्रस्ट का सदस्य बनने की प्रेरणा दें। श्री दिगम्बर जैन शाश्वत तीर्थराज सम्मेद शिखर ट्रस्ट वीर सेवा मन्दिर, 21, दरियागंज, नई दिल्ली-110002 दूरभाष : 011-3250522 शाखा-मधुबन पोस्ट शिखरजी-825329, जिला-गिरिडीह (बिहार) दूरभाष : 06532-32270 व 32265 - %%%%%%%% %%%%%%%%%% %%% %% %
SR No.538053
Book TitleAnekant 2000 Book 53 Ank 01 to 04
Original Sutra AuthorN/A
AuthorJaikumar Jain
PublisherVeer Seva Mandir Trust
Publication Year2000
Total Pages231
LanguageHindi
ClassificationMagazine, India_Anekant, & India
File Size8 MB
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