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________________ अनेकान्त/१६ प्रेरित करता है। इसलिये दर्शन के बाद निद्रापंचक का क्रम झेना चाहिये। यह क्रम-परिवर्तन कब और कैसे हुआ, इसका स्रोत एवं व्याख्यान अन्वेषणीय है। 5. नोकषाय-चारित्र मोहनीय की नौ उत्तर प्रकृतियां दर्शनावरणीय कर्म के समान प्रज्ञापना पद 24 स्थानांग 9.69 एवं धवला 6.45 में नोकषाय के हास्यादि नौ, भेदों का क्रम तत्वार्थ सूत्र 8.9 के विपर्यास में है। जहां पूर्व ग्रंथों में वेदत्रिक पहले हैं, वहीं तत्वार्थ सूत्र में यह अंत में है। इसी प्रकार, भय और शोक के क्रम में भी अंतर है। वस्तुतः, नोकषायें मनोभावों की अभिव्यक्ति के रूप है। मनोभावों का परिणाम सुख-दुख के रूप में अभिव्यक्ता होता है। श्रमण-संस्कृति उदासीन वृत्ति का तथा मनोभावहीनता को लक्ष्य मानती हैं. फलतः जब तक वेदत्रिक से संबंधित मनोभाव न होंगे तब तक उनको अनुवर्तित करने वाली हास्यादि नोकषायें कैसे होंगी? आखिर विशिष्ट कोटि के जीवन के अस्तित्व पर ही प्रवृत्तियां या अनुभूतियां निर्भर करती है। फलतः.. नोकषायों के व्यत्यय का कारण और उसकी ऐतिहासिकता विचारणीय है। 6: सूक्ष्म के भेदों का क्रम सामान्यतः सूक्ष्म पदार्थ वे कहलाते हैं जो अचाक्षुष हों, अव्याघाती हों, विप्रकृष्ट हों या जो छद्मस्थ-गम्य न हो। इनका अनुमान उनके कार्य से होता हो। सामान्यतः दिगंबर ग्रंथों में सूक्ष्म पदार्थो को परिगणित नहीं किया गया है। द्रव्य संग्रह में अवश्य चित्तवृत्तियों एवं परमाणु, कर्म आदि को सूक्ष्म बताया गया है। भगवती 8. 2 में दस ज्ञेय पदार्थो को केवलि-ज्ञेय कहा गया है जिनमें शब्द, वायु, गंध, परमाणु, . पुद्गल. तीन अमूर्त्यद्रव्य, मुक्त जीव आदि समाहित हैं। पर दशवैकालिक 8.15 और . स्थानांग 8.35 में आठ प्रकार के जीवों को सूक्ष्म का गया है। इनमें एक नाम छोड़कर बाकी नाम एकसमान हैं पर उनका क्रम.भिन्न है जो निम्न प्रकार है : .. . " दशवकालिक 8.15 स्थानांग 8.35 स्थानांग, 10,24... , 01, . स्नेह (जल के प्रकार) , प्राण . प्राण : 02. . ..पुष्प . .. ... . पनक ........ पनक, 0.3..प्राण (कुन्थु समान जीव) वीज .. वीज : 04. . उत्तिंग (कीटिकानगर) . हरित. . .: : हरित ; . 05. , . काई (पनक, 5 वर्ण) ...पुष्प. . . . . . पुष्प . .
SR No.538053
Book TitleAnekant 2000 Book 53 Ank 01 to 04
Original Sutra AuthorN/A
AuthorJaikumar Jain
PublisherVeer Seva Mandir Trust
Publication Year2000
Total Pages231
LanguageHindi
ClassificationMagazine, India_Anekant, & India
File Size8 MB
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